Edited By : Dhanesh Diwakar
अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज को जीरो ईयर घोषित कर दिया गया है। एमसीआई की गवर्निंग बॉडी ने फैकल्टी और अन्य जरूरी सुविधाओं की कमी दूर नहीं कर पाने के कारण एमबीबीएस की 100 सीटों को मान्यता देने से इनकार कर दिया है। अब चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे एमसीआई के निर्णय के खिलाफ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के पास जाएंगे।
अंबिकापुर में 4 साल में दूसरी बार जीरो ईयर हो रहा है। जीरो ईयर का मतलब यह है कि नए सत्र में मेडिकल की पढ़ाई करने के इच्छुक सौ होनहार बच्चों का एडमिशन नहीं हो पाएगा। सप्ताहभर पहले दुर्ग स्थित चंदूलाल चंद्राकर निजी मेडिकल कॉलेज को भी जीरो ईयर घोषित किया गया था।
चार कॉलेजों की सरकार ने ली अंडर टेकिंग:
शासन ने बिलासपुर, राजनांदगांव, रायगढ़ और जगदलपुर मेडिकल कॉलेजों की अंडर टेकिंग ली है। 28 मई को स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारीक व डीएमई डॉ. एसएल आदिले ने एमसीआई के अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें कॉलेज की कमियों को दूर कर लेने की बात बारीक ने कही। कई बार अंडर टेकिंग लेने के बाद मेडिकल कॉलेजों को मान्यता मिलती रही है। जबकि अंबिकापुर को अंडर टेकिंग के लिए बुलाया ही नहीं गया। अधिकारियों का दावा है कि मान्यता मिलने की पूरी उम्मीद थी।
4 कॉलेजों को मान्यता का इंतजार
कॉलेज सीट
राजनांदगांव 100
बिलासपुर 150
रायगढ़ 50
जगदलपुर 100
इन्हें मान्यता
रायपुर 150
रिम्स 150
शंकराचार्य 150