नई दिल्ली का मन टटोलने के लिए आए ईरानी विदेश मंत्री के हाथ कोई खास भरोसा नहीं लगा. अमेरिकी पाबंदियों के बीच ईरानी तेल खरीद को लगभग बंद कर चुके भारत ने साफ कर दिया कि इस बारे में अंतिम फैसला चुनाव बाद आने वाली अगली सरकार करेगी. ईरान सरकार के अंतर्राष्ट्रीय संपर्क की कड़ी में भारत आए जरीफ ने करीब एक घंटे विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की. इससे पहले वो रूस, चीन, तुर्कमेनिस्तान समेत कुछ अन्य देशों का दौरा बीते दिनों कर चुके हैं.
भारतीय विदेशमंत्री से मुलाकात के पहले मीडिया को दिए बयान में ईरानी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत एक महत्वपूर्ण सहयोगी देश है और उससे हमारे आर्थिक, राजनीतिक और क्षेत्रिय हित जुड़े हैं. भारत के साथ हम लगातार विभिन्न मुद्दों पर संवाद करते रहते हैं. मैं भारतीय विदेश मंत्री के साथ मुलाकात में इस क्षेत्र के हालिया घटनाक्रम और द्विपक्षीय संबंधों पर बात होगी.
भारत और ईरान के बीच केवल तेल खरीद ही नहीं चाबहार बंदरगाह विकास परियोजना भी अहम मुद्दा है. अमेरिकी पाबंदियों से फिलहाल इस परियोजना को रियायत हासिल है.सूत्रों के मुताबिक भारत और ईरान के विदेश मंत्रियों की मुलाकात में चाबहार परियोजना के क्रियान्वयन की भी समीक्षा की गई.