उजड़ी सी है सनी सिंह की फिल्म ‘उजड़ा चमन’

उजड़ा चमन

हमारी रेटिंग : 2.5 / 5

पाठकों की रेटिंग : 3 / 5

कलाकार : सनी सिंह,मानवी गगरू,सौरभ शुक्ला,करिश्मा शर्मा,ऐश्वर्या सखूजा
निर्देशक : अभिषेक पाठक
मूवी : टाइपकॉमिडी,ड्रामा
अवधि : 2 घंटा

‘दिलों की बात करता है जमाना, पर मोहब्बत अब भी चेहरे से शुरू होती है।’ जवानी में ही गंजेपन की समस्या पर आधारित निर्देशक अभिषेक पाठक की फिल्म उजड़ा चमन का मूल संदेश यही है कि प्यार के लिए इंसान की सूरत नहीं, सीरत देखी जानी चाहिए। लेकिन इस अभिषेक ने इस गहरी बात को कहने के लिए ऐसी लाउड कॉमिडी का सहारा लिया है कि यह मर्म कहीं दबकर रह जाता है।

साल 2017 की हिट कन्नड़ फिल्म ओंडू मोट्टेया कठे का रीमेक ‘उजड़ा चमन’ दिल्ली यूनिवर्सिटी के हंसराज कॉलेज के 30 वर्षीय हिंदी लेक्चरर चमन कोहली (सनी सिंह) की दुख भरी दास्तान है, जो गंजा होने के कारण हर किसी की हंसी का पात्र बनता है। यही नहीं, सबसे बड़ी समस्या यह है कि गंजेपन के कारण उसकी शादी नहीं हो रही है, जबकि एक ज्योतिषी गुरू जी (सौरभ शुक्ला) के अनुसार, अगर 31 की उम्र से पहले उसकी शादी न हुई, तो वह संन्यासी हो जाएगा।

इसलिए, वह अपने लिए एक अदद लड़की तलाशने के लिए कॉलेज की कुलीग से लेकर दोस्त की शादी में आई लड़कियों, सब पर चांस मारता है। वहीं अपने गंजेपन को छिपाने के लिए विग लगाने से लेकर ट्रांसप्लांट तक की सोचता है, लेकिन बात नहीं बनती। जैसे-तैसे अप्सरा (मानवी गगरू) के रूप में उसे एक लड़की मिलती है, जो उससे शादी करने को तैयार है, लेकिन वह चमन के ख्वाबों की अप्सरा नहीं है। ऐसे में, कहानी क्या मोड़ लेती है, यह फिल्म देखकर पता चलेगा।

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