मौसम विभाग से जुड़े वैज्ञानिकों के मुताबिक, हाल-फिलहाल पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के भी कोई आसार नहीं हैं। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बार-बार पश्चिमी विक्षोभों की सक्रियता के कारण अभी तक मौसम में उतार चढ़ाव की स्थिति बनती रही है। जेठ का महीना होने के बावजूद अभी गर्मी भी उतनी नहीं पड़ रही है, लेकिन अब गर्मी के जोर पकड़ने के आसार हैं। धूप की तपन भी परेशान करेगी और गर्म हवा के थपेड़े भी सहने पड़ सकते हैं। अगले एक सप्ताह के दौरान दिल्ली का अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस को भी पार करने के आसार हैं। मौसम में कोई खास बदलाव नहीं हुआ तो जल्द ही तापमान 45 डिग्री तक जा सकता है।

यहां पर बता दें कि पिछले महीने India Meteorological Department (भारतीय मौसम विभाग) के वैज्ञानिकों ने कहा था कि तेज धूप और लू के साथ इस बार मई के अंत तक तापमान 45 डिग्री के पार जा सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक, जून तक औसत तापमान में 0.5 डिग्री का इजाफा होगा। मौसम वैज्ञानिक पहले ही दावा कर चुके हैं कि दिल्ली-एनसीआर के साथ-साथ उत्तर भारत में इस बार गर्मी के दौरान लू (Heat Wave) ज्यादा परेशान करेगी। लू के इस तरह परेशान करने के पीछे ‘अल नीनो’ को सबसे बड़ी वजह बताया जा रहा है। इतना ही नहीं, मौसम विभाग तो पहले ही अल नीनो के असर से इस साल ज्यादा गर्मी और कमजोर मानसून की बात कह चुका है।

वैज्ञानिकों की मानें तो अल नीनो के प्रभाव से मानसून प्रभावित हो रहा है। बताया जा रहा है कि इस साल अल नीनो के शुरुआती असर के चलते तमिलनाडु, तटीय आंध्र में अप्रैल महीने से ही लू चल रही है, वहीं दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में अभी से ज्यादा गर्मी के पीछे भी अल नीनो ही है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक दिल्ली एनसीआर के साथ-साथ पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश इत्यादि राज्य ‘कोर हीट वेव जोन’ में आते हैं। बीच बीच में पश्चिमी विक्षोभ आने से इन राज्यों में लोगों को राहत मिलती रहती है, लेकिन इस बार इसकी भी बहुत कम संभावना है।