प्रदेश सरकार खनिज, उद्योग और परिवहन विभाग से अपना खजाना भरने और कर्ज को कम करने की कोशिश करेगी। आचार संहिता के दौरान ही इस दिशा में काम शुरू कर दिया गया था। सरकार तीन विभागों से अपने आय का स्रोत बढ़ाने की रणनीति पर चल रही है। खाका तैयार हो रहा है। जल्द ही तीनों विभागों की नीतियों पर होने वाले काम धरातल पर नजर आने लगेंगे।
कांग्रेस सरकार ने दिसंबर 2018 से मार्च 2019 तक 10 हजार 400 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। सरकार का कहना है कि इस राशि से किसानों की कर्जमाफी और धान का समर्थन मूल्य 25 सौ स्र्पये देने करने का काम हुआ है।
लोकसभा चुनाव के लिए अभी तक आचार संहिता लगी हुई थी, इसलिए सरकार ने नया कोई काम शुरू नहीं किया, लेकिन आय के स्रोत बढ़ाने की दिशा में लगातार मंथन किया है। नई उद्योग नीति बनाने के लिए समय सारिणी बना ली गई है।
अब आचार संहिता हट गई है, तो इस पर काम तेजी से शुरू होगा। कई राज्यों की उद्योग नीति का अध्ययन कर लिया गया है। सरकार प्रदूषणमुक्त और ग्रामीण क्षेत्रों में फूड प्रोसेसिंग जैसे छोटे-छोटे उद्योगों को बढ़ावा देकर प्रदेश को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की कोशिश करेगी।
खनिज का ठेका अब सरकार सीधे अपने हाथ में ले रही है। इसकी शुस्र्आत नई रेत नीति से कर दी है। सरकार का दावा है कि इससे रॉयल्टी की चोरी नहीं होगी। सरकार की खनिज से आय बढ़ेगी। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने परिवहन चेकपोस्ट को बंद कर दिया था।
कांग्रेस सरकार परिवहन चेकपोस्ट को फिर से शुरू करने का विचार कर रही है, ताकि ओवरलोडिंग पर लगाम लगे। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि परिवहन चेकपोस्ट से सरकार का राजस्व सवा सौ करोड़ बढ़ सकता है। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में प्रदेश की सीमा पर 16 परिवहन चेकपोस्ट थे, जिन्हें देश में जीएसटी लागू होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर बंद कर दिया गया था।