गंगा के लिए 194 दिनों से उपवास पर थे आत्मबोधानंद, जीडी अग्रवाल 112 दिन अनशन कर दे चुके हैं जान

पिछले साल गंगा को बचाने के लिए अनशन पर बैठे स्वामी आत्मबोधानंद ने आखिरकार अपना उपवास तोड़ ही दिया है। ये उपवास उन्होंने 194 दिन बाद खत्म किया है।
नई दिल्ली :
पूरे देश में गंगा को स्वच्छ करने की मांग समय-समय पर उठती रही है। सरकार की तरफ से आश्वासन भी दिया जाता रहा है कि इस ओर ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
गंगा को बचाने के लिए अनशन पर बैठे जीडी अग्रवाल की 112 दिनों के अनशन के बाद 11 अक्टूबर 2018 को मौत हो गई थी. उनके संघर्षों को आगे ले जाने के लिए स्वामी आत्मबोधानंद ने उसके ठीक 13 दिनों बाद स्वामी आत्मबोधानंद उपवास पर बैठ गए थे।
पिछले 194 दिन से उपवास पर बैठे आत्मबोधानंद ने राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के निदेशक राजीव रंजन के लिखित में आश्वासन के बाद शनिवार को अपना उपवास समाप्त कर दिया। उपवास तोड़ने के बाद स्वामी आत्मबोधानंद ने कहा कि, ‘नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) के निदेशक राजीव रंजन मुझसे 25 अप्रैल को मिलने आए थे। उसके बाद आज उन्होंने मुझे लिखित में दिया है कि बांधों के बारे में चर्चा के अनुसार कदम उठाए जाएंगे, खनन के खिलाफ की गई कार्रवाईयों का भी विवरण दिया जाएगा। यह सरकार और एनएमसीजी की सकारात्मक पहल है इसलिए मैंने अभी के लिए अपना उपवास तोड़ दिया है’।

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