शारदीय नवरात्रि की शुरुआत आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा 29 सितंबर 2019 रविवार को हो रही है। इस बार देवी का आगमन गज पर हो रहा है। यह सुख-समृद्धि और अतुलनीय धन-संपदा का प्रतीक है। इस बार नवरात्रि में कई अन्य शुभ संयोग भी बन रहे हैं, जो साधकों की हर मनोकामना पूर्ण करेंगे।
29 सितंबर 2019 से नवरात्र प्रारंभ आश्विन शुक्ल प्रतिपदा के दिन हस्त नक्षत्र, ब्रह्मा योग, किंस्तुघ्न करण और कन्या राशि का चंद्रमा रहेगा। हस्त नक्षत्र का स्वामी सूर्य, ब्रह्मा योग का स्वामी अश्विनीकुमार और किंस्तुघ्न करण का स्वामी वायु है। इसके साथ ही इस दिन मंगलकारी अमृतसिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा। पंचांग के पांचों अंगों की यह स्थिति नवरात्रि प्रारंभ के अवसर पर आना अत्यंत शुभकारी है।
देवी की सवारी ‘गज’
हिंदू धर्म शास्त्रों में गज को लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है। महालक्ष्मी के सभी स्वरूपों में गजलक्ष्मी को सर्वाधिक महत्वपूर्ण और समृद्धि में वृद्धि करने वाला कहा गया है। रविवार के दिन का वाहन गज होता है। चूंकि नवरात्रि का प्रारंभ रविवार को हो रहा है इसलिए दुर्गा का वाहन हुआ गज। गज पर दुर्गा का आना चारों ओर समृद्धि आने का सूचक है। इस नवरात्रि के प्रारंभ में अमृत सिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहे हैं जो समृद्धिदायक है।
कैसे तय होता वाहन
शशि सूर्य गजारूढ़ा, शनिभौमै तुरंगमे।
गुरौशुक्रेच दोलायां, बुधे नौकाप्रकीर्तिता।।
देवीभागवत पुराण के इस श्लोक के अनुसार माता का वाहन नवरात्रि प्रारंभ होने के दिन से तय होता है। इसके अनुसार रविवार और सोमवार का वाहन गज, शनिवार और मंगलवार का वाहन घोड़ा, गुरुवार और शुक्रवार का डोला और बुधवार का वाहन नौका होता है। इस बार नवरात्रि का प्रारंभ रविवार को हो रहा है इसलिए उनका वाहन गज है।