छत्तीसगढ़ की ग्रामीण महिलाओं की आय बढ़ाने में गोबर बड़े काम की चीज साबित हो रहा है। गोबर से बने दिये का जबदरदस्त क्रेज देखने को मिल रहा है। सीएम भूपेश बघेल ने दिवाली पर सीएम हाउस में इन्हीं दियों का इस्तेमाल करने की घोषणा की। आम लोगों ने भी गोबर से बने दियों को हाथों-हाथ लिया। शहर के सभी मॉल, कलेक्टोरेट परिसर, रेलवे स्टेशन और अन्य सार्वजनिक जगहों पर 7 स्टॉल लगाए गए हैं। हर स्टॉल पर इन दियों को लोगों ने खरीदा। इसके अलावा जिला पंचायत कैंपस के बिहान दफ्तर से बड़े ऑर्डर को पूरा करने का काम भी जारी है।
छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान योजना और छत्तीसगढ़ सरकार की नरवा, गरवा, घुरवा, बारी योजना के तहत गोबर से प्रोडक्ट बनवाए गए। अब तक करीब 4.50 लाख के दिये बिक चुके हैं। यह आंकड़ा साढ़े पांच लाख तक पहुंचने का अंदाजा है।बिहान प्रोजेक्ट के अधिकारी विक्रम लोधी ने बताया कि जिले के 12 से 15 गांव की करीब 300 महिलाओं को ट्रेनिंग दी गई। दो महीने की मेहनत के बाद महिलाओं ने गोबर के दिये, गणेश और लक्ष्मी की मूर्तियां, दीवार पर छिपकाने वाले वॉल स्टीकर्स बनाए। करीब 2.5 लाख दिये बनाए गए और दूसरे प्रोडक्ट करीब 50 हजार की तादाद में बने।
इस बिक्री से प्रत्येक महिला को 7 से 8 हजार रुपए महीने की आय मिल रही है। प्रोडक्ट बनाने गोबर गौठानों के मवेशियों से मिल जाता है। इसके लिए महिलाओं को महाराष्ट्र से आए ट्रेनर्स ने ट्रेंड किया। हिंदू मान्यता में गोबर को शुभ माना गया है, ऐसे में लोग इन्हें खरीदना पसंद कर रहे हैं। इस्तेमाल होने के बाद यह दिये लोग घरों के गमलों में खाद के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।