सत्ता की कुर्सी पर कौन बैठेगा, इसकी तस्वीर दो दिन बाद साफ हो ही जाएगी. लेकिन Exit Poll के नतीजों को देखकर विपक्षी पार्टियों में खलबली मच गई है. मंगलवार को EVM और वीवीपीएटी के मुद्दे पर 22 विपक्षी पार्टियों के नेता चुनाव आयोग के साथ बैठक की. इन पार्टियों की मांग है कि 23 मई को वोटों की गिनती शुरू होने से पहले मतदान केंद्रों पर VVPAT पर्चियों की जांच की जाए. लेकिन चुनाव आयोग ने स्ट्रॉन्ग रूम में ईवीएम के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ की शिकायतों को दरकिनार कर दिया.
पार्टियों का कहना है कि अगर किसी बूथ पर वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान सही नहीं मिलता तो उस विधानसभा क्षेत्र के सभी मतदान केंद्रों की वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती की जाए और उनका मिलान ईवीएम के नतीजों से किया जाए.
हालांकि इन सभी खबरों पर चुनाव आयोग ने विराम लगा दिया है. चुनाव आयोग ने कहा कि स्ट्रॉन्ग रूम में ईवीएम और वीवीपीएटी मशीनें पूरी तरह सेफ हैं. चुनाव में इस्तेमाल होने वाली मशीनों को 23 मई को वोटों की गिनती से पहले नई मशीनों से बदलने के आरोपों को भी चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया.
मशीनों को पोलिंग बूथ तक ले जाने और उनकी देखभाल में गड़बड़ी की शिकायतों पर नोटिस लेते हुए चुनाव आयोग ने राज्यों के जिला निर्वाचन अधिकारियों से तुरंत जांच रिपोर्ट मांगी.
चुनाव आयोग ने बिहार की सारण, यूपी की डुमरियागंज, चंदौली, गाजीपुर और झांसी में वोटिंग के बाद ईवीएम के गलत इस्तेमाल की शिकायतों पर कार्रवाई के बाद किसी भी तरह की गड़बड़ी की आशंका से इनकार कर दिया. चुनाव आयोग ने टीवी और सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो को गलत बताया और कहा कि इनमें जो मशीनें दिखाई गई हैं, उनका इस्तेमाल चुनाव में नहीं किया गया.