चौसर फिरंगी फिल्म के जरिए उच्च वर्ग की गंदी सोच पर गहरा कटाक्ष

गायत्री मोशन पिक्चर्स के बैनर तले बनी फीचर फिल्म चौसर फिरंगी उच्च वर्ग की गंदी सोच पर गहरा कटाक्ष करती है। इस फिल्म के कई किरदार हैं। इसके किरदार मनमौजी व बिगड़ैल युवक हैं तो उच्च वर्गीय समाज के घिनौने लोग भी हैं, जो ऊपर से तो अच्छे होने का ढोंग करते हैं, लेकिन उनके अंदर गंदगी सड़ांध मार रही होती है।

फिल्म में दिखाया गया कि सफेद पोशाक वालों की अपेक्षा गंदी बस्ती के लोग अधिक नैतिक हैं। पांच दिवसीय नाट्य व फिल्म उत्सव के माध्यम से संस्कृति विभाग के ऑडिटोरियम में फिल्माई गई फिल्म चौसर फिरंगी वाकई देखने लायक है।

फिल्म के निर्माता सिद्धार्थ यादव, लेखक व निर्देशक संदीप पांडेय ने फिल्म के माध्यम से बताया है कि कई उच्च वर्ग के लोग गंदी बस्तियों के लोगों को हिकारत की नजर से देखते हैं और खुद को उनसे बेहतर मानते हैं, लेकिन अपेक्षाकृत ज्यादा गंदगी कुलीनों में ही है।

फिल्म का प्रमुख आकर्षण जबलपुर की लोकेशन और भाषाई अंदाज है। साथ ही फिल्म जगत में हिंदी क्षेत्र व्यापक और विशाल है, लेकिन बॉलीवुड की फिल्मों में क्षेत्रीय बोलियां खत्म होती जा रही हैं। ऐसे में जिस प्रकार से बंगाल, महाराष्ट्र व दक्षिण भारत का सिनेमा है, उसी प्रकार चौसर फिरंगी से मप्र के सिनेमा की शुरुआत हुई है।

साहित्य के क्षेत्र में विशिष्ट स्थान

कलाकारों ने बताया कि जबलपुर कला, संगीत, फाइन आर्ट, रंगकर्म व साहित्य के क्षेत्र में देश में विशिष्ट स्थान रखता है। यहां सिनेमा की संभावनाएं बढ़ गई हैं। शहर के कई लोगों ने सिनेमा में काम किया है, जिनमें ऐसी कई प्रतिभाएं हैं, जो बॉलीवुड की मुख्य धारा से अलग, अपने तरीके से काम करने में सक्षम हैं। निर्देशक संदीप पांडेय ने बताया कि फिल्म का संगीत श्रुति-धर्मेश की जोड़ी व आशी सागर ने दिया है।

फिल्म का ब्रॉश सेक्शन मनोज बेन ने दिया है। चौसर फिरंगी में मुख्य भूमिका जबलपुर के प्रतीक पचौरी, अंशुल सिंह ठाकुर, रेखा मिश्रा, सारिका नायक, अमर परिहार, विनय शर्मा, मनीष तिवारी, जितेंद्र वशिष्ट, बाबू हाजरा, हंसा सिंह और अमोल देशमुख शामिल हैं। चौसर फिरंगी की ऑल इंडिया रिलीज 15 मार्च, 2019 को हुई।

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