राजेंद्र प्रसाद (आरपी) मंडल छत्तीसगढ़ के नए प्रशासनिक मुखिया बनाए गए हैं। मंडल को रिजल्ट देने वाले अफसर के रूप में जाना जाता है। चाहे देश का दूसरा सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण हो, रायपुर समेत प्रदेश के अन्य शहरों में बनाई गई बाइपास रोड हो हर प्रोजेक्ट उन्होंने अलग अंदाज में पूरा कराया। लेकिन प्रशासनिक कामों के अलावा कुछ ऐसे भी काम हैं जिनके लिए आज भी लोग मंडल की चर्चा करते हैं।
1987 बैच के आईएएस आरपी मंडल मूलत: बिहार के रहने वाले हैं। उनके माता-पिता बिलासपुर के रेल डिवीजन अस्पताल में डॉक्टर थे। उनकी पढ़ाई बिलासपुर के दयालबंद के मल्टीपर्पस हाईस्कूल में हुई है। उन्होंने इंजीनियरिंग रायपुर में की और आईआईटी खड़गपुर से एमटेक किया है। और 87 में यूपीएससी पास आउट हैं।
मंडल रायपुर और बिलासपुर में कलेक्टर के रुप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं और कलेक्टर रहते उन्होंने जो काम इन शहरों में किए वह आज भी लोगों की जुबान पर है। राजधानी रायपुर के कलेक्टोरेट का वर्तमान स्वरुप उन्हीं की देन है। जेल के बीच से बाइपास सड़क, कैनाल लिंकिंग रोड, पुराने मंत्रालय के बीच से सड़क, शास्त्री चौक का चौड़ीकरण जैसे कई उदाहरण हैं जो उनके कार्यों का बखान करने के लिए काफी हैं। मंडल के बारे में एक बात आज भी लोगों को पता है वे रोज मार्किंग वाक के बहाने शहर की नब्ज टटोलते हैं। लोगों की परेशानियों आर जरूरतों के साथ विभागीय लापरवाही को भी पकड़ लेते हैं। कई बार वे सुबह जल रही स्ट्रीट लाइटों को संबंधित विभाग के कर्मचारियों को फोन कर बंद करने को कहते हैं।