छत्तीसगढ़ का पहला गांव, जहां भूजल को रिचार्ज करने बन रही योजना

Edited By: Dhanesh Diwakar

बिलासपुर जिले का ग्राम अकलतरी प्रदेश का पहला गांव बनने जा रहा है जहां भूजल को संग्रहित करने और जल स्तर को बनाए रखने के लिए जल्द ही योजना धरातल पर नजर आएगी। राज्य शासन ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस योजना को अमलीजामा पहनाने की तैयारी भी शुरू कर दी है। सेटेलाइट के जरिए प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर अकलतरी में भूजल स्तर की बहुलता है। जिस जगह पर इसकी प्रचुर मात्रा है उसे चिन्हांकित कर लिया गया है। पानी की प्रचुरता वाली जगह पर जलाशय बनाने का कार्य किया जाएगा। इसके साथ ही बोरवेल के जरिए बड़े-बड़े होल किए जाएंगे।

बारिश के दिनों में गांव के अलावा आसपास के क्षेत्रों से पानी को संग्रहित कर जलाशय में छोड़ा जाएगा। कोशिश रहेगी कि बारिश के दिनों में बूंद भर पानी जाया न हो। गांव में ऐसी जगह जहां बारिश के दिनों में पानी बड़ी मात्रा में इकठ्ठा होता है और बिना उपयोग खत्म भी हो जाता है ऐसी जगहों से नाली का निर्माण किया जाएगा। नाली का संपर्क सीधे जलाशय से रहेगा। अफसरों का मानना है कि खेती का रकबा बढ़ने का मतलब साफ है कि भेजल स्तर में या तो बढ़ोतरी हो रही है या फिर भूमिगत जल का स्तर यथावत बना हुआ है।

अकलतरी से लगे आसपास के गांव जहां भूजल स्तर जीरो है उसे भी रिचार्ज करने में मदद मिलेगी। तकरीबन 20 किलोमीटर के क्षेत्रफल में आने वाले गांवों में पानी की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी। जाहिर है आने वाले दिनों में खेती का रकबा भी बढ़ेगा । पायलट प्रोजेक्ट के धरातल पर आते ही जिले के मुड़ीपार, घुरू, बेलमुंडी, चिचिरदा, सैदा, किरारी, गोड़ी, संबलपुरी, पेंडरवा, कड़ार व सेवार में भी सरफेस वाटर लेबल को रिचार्ज करने पर काम शुरू होगा। इन गांवों को प्राथमिकता में रखा गया है।

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