छत्तीसगढ़ के आठ जिलों में आदिवासियों पर दर्ज मामले देखेगी कमेटी

Edited By: Dhanesh Diwakar

छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से नक्सल मामलों में जेल में बंद आदिवासियों की समीक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति एके पटनायक (सेवानिवृत) की अध्यक्षता में गठित समिति की पहली बैठक सोमवार को हुई। बैठक में नक्सल प्रभावित बस्तर रेंज के सातों जिलों तथा राजनांदगांव जिले को मिलाकर कुल आठ जिलों में अनुसूचित जनजाति वर्ग के रहवासियों के खिलाफ दर्ज प्रकरणों की समीक्षा की गई।

समिति द्वारा प्रत्येक प्रकरण की उसके गुणदोष के आधार पर समीक्षा कर अनुसूचित जनजाति वर्ग के हित में कार्रवाई करने का निर्णय हुआ। साथ ही नक्सल घटना से संबंधित प्रकरणों में कार्रवाई के लिए पुलिस उप महानिरीक्षक सुंदरराज पी., विभिन्न् धाराओं एवं स्थानीय विशेष अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों में कार्रवाई के लिए डीआईजी संजीव शुक्ला, आबकारी अधिनियम से संबंधित प्रकरणों के लिए सचिव- आयुक्त आबकारी विभाग व आवश्यक समन्वय के लिए सचिव आदिम जाति एवं अनुसूचित जनजाति विभाग की समिति बनाई गई है। इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

चार हजार आदिवासियों की रिहाई पर मंथन

बैठक में 1,141 मामलों के चार हजार सात आदिवासियों की रिहाई को लेकर विचार- विमर्श किया गया। बैठक में तय किया गया कि माओवादी होने के झूठे आरोप में फंसाए गए 340 प्रकरण के 1552 आदिवासियों को जल्द राहत दी जाए। जेलों में बंद आदिवासियों में कई जंगल की लकड़ी काटने तो कुछ अत्यधिक मात्रा में शराब के निर्माण के आरोप में सजा काट रहे हैं। महाधिवक्ता कनक तिवारी को रिहाई के मसले पर कानूनी नोट्स तैयार करने को कहा गया है। कमेटी की अगली बैठक 22 जून को होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *