छत्तीसगढ़ में भाजपा प्रत्याशी की जीत से 4 गुना ज्यादा नोटा, आदिवासी सीटों पर खूब प्रयोग

Edited By : Dhanesh Diwakar
लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदेश में जमकर नोटा (नन ऑफ द एबव) यानी कि इनमें से किसी को नहीं बटन का इस्तेमाल किया गया। प्रदेश में कुल 18916285 वोटर हैं। चुनाव के दौरान 71.48 फीसदी मतदान हुआ है। इनमें से 5.57 प्रतिशत यानी कि 196265 लोगों ने नोटा का बटन दबाया। सबसे ज्यादा नोटा का इस्तेमाल बस्तर में 41667 मतदाताओं और सबसे कम दुर्ग में 4271 लोगों ने किया। खास बात यह है कि छत्तीसगढ़ में दुर्ग लोकसभा सीट से ही भाजपा प्रत्याशी ने सबसे बड़ी जीत 391978 वोटों से दर्ज की है।

कांकेर में प्रत्याशी की जीत से चार गुना अधिक वोट नोटा को मिले

लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदेश में 3521361 लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। प्रदेश की कांकेर एक ऐसी सीट हैं, जहां से जीते हुए प्रत्याशी के वोट अंतर से चार गुना ज्यादा वोट नोटा को मिले हैं। इस सीट से भाजपा के मोहन मंडावी ने जीत दर्ज की है। उन्हें 546233 वोट मिले थे। उन्होंने कांग्रेस के बीरेश ठाकुर को हराया। बीरेश ठाकुर पर उनकी जीत का अंतर 6914 वोटों का था, जबकि नोटा को ही 26713 वोट मिले हैं।

लोकसभा  सीट   नोटा को मिले वोट
बस्तर 41667
सरगुजा  29265
कांकेर 26713
महासमुंद 21241
राजनांदगांव 19436
कोरबा 19305
रायगढ़ 15729
जांजगीर-चाम्पा 9981
बिलासपुर 4365
रायपुर 4292
दुर्ग 4271
कुल वोट 196265

नोटा को वोट मिलने का आंकड़ा प्रदेश में बढ़ता ही जा रहा है। वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव की अपेक्षा इस बार ज्यादा लोगों ने नोटा का इस्तेमाल किया है। खास बात कि नोटा का यह इस्तेमाल आदिवासी क्षेत्रों में सबसे ज्यादा है। बस्तर में जहां वर्ष 2014 के चुनाव में 38,772 वोट नोटा को मिले थे, वहीं इस बार 41667 वोट मिले हैं। हालांकि बाकी आदिवासी क्षेत्रों में इस बार नोटा का इस्तेमाल थोड़ा कम हुआ है।

लोकसभा सीट   वर्ष 2019 वर्ष 2014
बस्तर 41667 38,772
राजनांदगांव 19436 32384
कांकेर 26713 31917
सरगुजा 29265 31104

 

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