तेल में लगेगी आग? भारत की मुश्किल बढ़ेगी, ट्रंप ने खड़े किए हाथ

ईरान से तेल खरीदने पर बैन के बीच भारत को अमेरिका से राहत की उम्मीद थी. लेकिन अब इस मसले पर अमेरिका का बयान भारत के लिए किसी झटके से कम नहीं है. अमेरिका ने सोमवार को कहा कि वह भारत को ईरान के सस्ते तेल का आयात रोकने से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए भारत को कम दरों पर कच्चा तेल बेचने का भरोसा नहीं दे सकता है.

अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विलबर रॉस ने नई दिल्ली में कहा, ‘कच्चा तेल निजी क्षेत्र के हाथों में है और सरकार उन्हें सस्ते दर पर बेचने के लिए बाध्य नहीं कर सकती है.’

दरअसल अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध से मिल रही छूट के समाप्त होने के बाद भारत ने इस महीने से ईरान से कच्चा तेल मंगाना बंद कर दिया है. ईरान से कच्चा तेल मंगाना भारतीय परिशोधन संयंत्रों के लिए फायदेमंद होता है. ईरान खरीदारों को भुगतान के लिए 60 दिन का समय देता है. यह सुविधा अन्य विकल्पों सउदी अरब, कुवैत, इराक, नाइजीरिया और अमेरिका के साथ उपलब्ध नहीं है.

रॉस ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात करने के बाद कहा, ‘ईरान एक समस्या है, अगर आपने आतंकवाद की हालिया घटनाओं को देखा होगा और हमें हर ऐसा कदम उठाना चाहिए जो हम आतंकवाद के खिलाफ उठा सकते हैं.’ भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ जस्टर ने कहा, ‘अमेरिका कच्चा तेल की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये सउदी अरब समेत अन्य देशों के साथ काम कर रहा है.’

उल्लेखनीय है कि भारत चीन के बाद ईरान के कच्चा तेल का दूसरा बड़ा खरीदार रहा है. पिछले वित्त वर्ष में भारत ने ईरान से 240 लाख टन कच्चा तेल खरीदा, यह भारत की कुल जरूरत का 10 प्रतिशत है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *