Edited By : Dhanesh Diwakar
देश के साथ छत्तीसगढ़ में भी कठिन उपवास, उपासना के पर्व छठ पूजा का रविवार को समापन हुआ। छठ व्रतियों ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। इससे पहले शनिवार की शाम डूबते सुर्य की पूजा की गई थी। ऐसा माना जाता है कि मूलत: उत्तर भारत का यह प्रमुख पर्व एकमात्र ऐसा पर्व है जिसमें डूबते सूर्य को भी नमन किया जाता है। रायपुर के महादेव घाट, बीरगांव, सेजबहार, उरला, भिलाई के प्रमुख तालाबों समेत, सरगुजा, अंबिकापुर, रायगढ़, बिलासपुर, कोरबा जैसे जिलों में मिनी नॉर्थ इंडिया का माहौल देखने को मिला।
ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, सृष्टि की अधिष्ठात्री प्रकृति देवी के एक प्रमुख अंश को ‘देवसेना’ कहा गया है। प्रकृति का छठा अंश होने के कारण इनका नाम षष्ठी पड़ा है। षष्ठी देवी बालकों की रक्षा’ करती हैं और उन्हें दीर्घ जीवन देती हैं। आज भी बच्चों के जन्म के छठे दिन षष्ठी पूजा या छठी पूजा होती है। पुराणों में छठी मैया को मां कात्यायनी का स्वरूप माना गया है। ऐसी भी मान्यता है कि भगवान सूर्य की बहन छठी मैया हैं।