Edited By : Dhanesh Diwakar
सिडनी में जल संकट : 1940 के बाद से सबसे भीषण सूखा
मरे–डार्लिंग नदी में पानी की कमी से मर गई थीं मछलियां, चुनाव में ये मुद्दा बना
ऑस्ट्रेलिया में दिसंबर से फरवरी के दौरान पड़ी भीषण गर्मी की वजह से नदियों का जलस्तर खतरनाक ढंग से नीचे आ गया है। सिडनी में हालात बदतर हैं। जल स्रोत 1940 के बाद से न्यूनतम स्तर पर पहुंच गए हैं। स्थिति से निपटने के लिए न्यू साउथ वेल्स प्रशासन को कड़े प्रतिबंध लागू करने पड़े हैं। नए नियमों के मुताबिक– नल को खुला छोड़ना भी अपराध की श्रेणी में शामिल होगा।
इसके अतिरिक्त अगर किसी ने अपने बगीचे में पानी डालने के लिए स्प्रिंकलर सिस्टम का इस्तेमाल किया तो उसे जुर्माना भरना होगा। नए नियमों के मुताबिक– अगर किसी व्यक्ति ने पानी बर्बाद किया तो उस पर 10 हजार रुपये और संस्थान पर करीब 26 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। प्रतिबंध अगले सप्ताह से लागू होंगे।
हर व्यक्ति जल बचाने में योगदान करे
कुछ अरसा पहले सिडनी की मरे–डार्लिंग नदी में पानी की कमी से बहुत सारी मछलियां मर गई थीं। चुनाव में भी ये बात मुद्दा बनी थी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि नदी में पानी का बहाव कम होने से ऑक्सीजन की मात्रा भी घट गई। मछलियों के मरने की वजह उनका दम घुटना रहा। साउथ–ईस्टर्न स्टेट की जल मंत्री मेलिंडा पवे का कहना है कि सारा इलाका भीषण सूखे से जूझ रहा है। इससे निपटने के लिए हर व्यक्ति को अपना योगदान देना होगा। प्रतिबंध इसी वजह से लागू किए गए हैं।
2009 में भी लगा था प्रतिबंध
इससे पहले पानी की बर्बादी रोकने के लिए न्यू साउथ वेल्स प्रशासन ने 2009 में प्रतिबंध लागू किए थे। सिडनी के कुछ इलाकों में यह दशकों बाद आज भी लागू है। उस दौरान भी पानी की बर्बादी करने पर लोगों पर जुर्माने का प्रावधान रखा गया था।