फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी पाने वालों की अब खैर नहीं

Edited By : Dhanesh Diwakar

फर्जी एवं गलत सामाजिक प्रस्थिति प्रमाण पत्र की जांच एवं छानबीन हेतु गठित उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति द्वारा नियमित बैठकें आयोजित कर जाति प्रमाणपत्र संबंधी प्रकरणों के निराकरण की कार्यवाही की जा रही है। समिति द्वारा फरवरी माह से 17 मई 2019 तक 119 प्रकरणों में सुनवाई एवं जांच उपरांत निर्णय लिया जाकर 33 प्रकरणों में आदेश पारित किए गए, इसमें 9 व्यक्तियों के जाति प्रमाणपत्र सही पाए गए।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास से मिली जानकारी के अनुसार 6 व्यक्तियों के प्रकरणों को धारक की मृत्यु हो जाने एवं अन्य कारणों से नस्तीबद्ध किया गया, जबकि विभिन्न विभागों के 18 व्यक्तियों के जाति प्रमाणपत्र फर्जी/गलत पाए जाने के कारण निरस्त किए गए।

छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (सामाजिक प्रस्थिति के प्रमाणीकरण का विनियमन) नियम 2013 के नियम 23(2) में विहित प्रावधानों के अनुसार धारक का दावा वास्तविक नहीं पाए जाने के कारण जाति प्रमाणपत्र को निरस्त करते हुए नियम 23(3), 24(1) एवं 25 के तहत कार्यवाही सुनिश्चित किए जाने के निर्देश के साथ पारित आदेशों की प्रति उपलब्ध कराई जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *