Edited By: Dhanesh Diwakar
बिहार में सुपौल के शिक्षा विभाग की एक बड़ी गड़बड़ी सामने आई है. यहां एक 50 साल की महिला टीचर को कुछ अधिकारियों ने पहले कागजों पर नियुक्त किया और फिर उसे एक ऐसे स्कूल में पदस्थ दिखाया गया जो अस्तित्व में है ही नहीं. यही नहीं, 50 साल की टीचर 7 वर्षों से प्रेग्नेंट बताई गई है और जो मातृत्व अवकाश दिखाकर बाकायदा वेतन ले रही है.
इस पूरी गड़बड़ी की पोल तब खुल जब आजतक ने इसकी पड़ताल की. जांच में यह सामने आया कि इस शिक्षा विभाग की गड़बड़ी में अधिकारी से लेकर डॉक्टर तक शामिल है. ये सभी लोग करीब 7 सालों में 15 लाख वेतन के रूप में पैसा शिक्षा विभाग से निकलवा चुके हैं. इस मामले में अब डीईओ ने संबंधित बीईओ को इस पूरे मामले के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए शोकॉज नोटिस भेजा है.
दरअसल, मामला सुपौल जिले के पिपरा प्रखंड से जुड़ा हुआ है. यहां कई मामलों में विवादित रहे बीईओ सूर्यदेव प्रसाद पर गड़बड़ी करने का आरोप लगा है.
जब इस गड़बड़ी की भनक डीईओ अजय कुमार सिंह को लगी तो उन्होंने मामले की जांच शुरू की. डीईओ ने जब मध्य विद्यालय हटबरिया की जांच की तो अटेंडेंस रजिस्टर में कहीं भी कुमारी सुभद्रा ठाकुर का नाम नहीं था. पूछताछ में पता लगा कि कुमारी सुभद्रा ठाकुर 26 सितम्बर 2012 से स्कूल से बिना सूचना अनुपस्थित हैं.
जांच में ग्रामीणों ने बताया कि सुभद्रा ठाकुर नाम की महिला उसी गांव में है. उनको दो बेटे और एक बेटी है. एक बेटे की उम्र लगभग 30 साल है और वह इंजीनियर के पद पर कहीं कार्यरत है. लेकिन वह महिला किसी स्कूल में टीचर नहीं है.