Edited By : Dhanesh Diwakar
सरकार ने घाटे में चल रही सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल के लिए 68,751 करोड़ रुपये के पुनरुद्धार पैकेज को बुधवार को मंजूरी दे दी। इसमें एमटीएनएल का बीएसएनएल में विलय, कर्मचारियों के लिये स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) और 4 जी स्पेक्ट्रम आवंटन शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने पैकेज से जुड़ी जानकारियां साझा करते हुए कहा कि बीएसएनएल और एमटीएनएल के विलय को मंजूरी दे दी गई है। विलय प्रक्रिया पूरी होने तक एमटीएनएल प्रमुख दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल की अनुषंगी के रूप में काम करेगी।
पुनरुद्धार पैकेज में दोनों कंपनियों की तत्काल पूंजी जरूरतों को पूरा करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये के सरकारी बांड , 4 जी स्पेक्ट्रम के लिए 20,140 करोड़ रुपये , कर्मचारियों की वीआरएस के लिए 29,937 करोड़ रुपये और जीएसटी के तौर पर 3,674 करोड़ रुपये की राशि दिया जाना शामिल है। कर्मचारियों की सेवानिवृति के तौर पर दी जाने वाली राशि में कंपनी के 50 प्रतिशत कर्मचारी शामिल हो सकते हैं। दूरसंचार कंपनी को दिये जाने वाले स्पेक्ट्रम आवंटन पर माल एवं सेवाकर के रूप में दी जाने वाली 3,674 करोड़ रुपये की राशि भी पैकेज में शामिल की गई है।