छत्तीसगढ़ी फिल्मों को मल्टीप्लेक्स में लगाए जाने की मांग रहे कलाकारों को पुलिस ने बुधवार सुबह गिरफ्तार कर लिया है। छत्तीसगढ़ी कलाकार अंबुजा मॉल स्थित मल्टीप्लेक्स के बाहर प्रदर्शन कर है थे। कलाकारों को सेंट्रल जेल भेज दिया गया है। हालांकि दोपहर में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के निर्देश पर कलाकारों से रिहा कर दिया गया। इसके बाद कलाकारों ने बंगले पर जाकर गृहमंत्री साहू से मुलाकात भी की। कलाकार मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन के खिलाफ प्रदेश के अलग-अलग शहरों में प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं एसोसएिशन ने छत्तीसगढ़ी फिल्में मल्टीप्लेक्स में लगाने से इनकार कर दिया है।
एसोसिएशन तैयार, पर कलाकार हिंदी फिल्मों की तरह प्रदर्शन चाहते हैं
जानकारी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ी फिल्म निर्माता, निर्देशक, कलाकारों सहित फिल्म निर्माण जुड़े सभी लोग अपनी मांग को लेकर प्रदेश के अलग-अलग शहरों में प्रदर्शन कर रहे हैं। राजधानी में मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन के खिलाफ कलाकार अंबुजा मॉल, मैग्नेटो मॉल, पीवीआर सहित सभी अलग-अलग मॉल में प्रदर्शन कर रहे थे। इसके अलावा कलाकारों का बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई-राजनांदगांव में मॉल, सिटी सेंटर में संचालित मल्टीप्लेक्स सिनेमा के बाहर प्रदर्शन किया।
दरअसल, मंगलवार को सरकार के हस्ताक्षेप के बाद एसोसिएशन की ओर से सहमति बन जाने की बात कही गई थी, लेकिन अपनी नियम और शर्तों के अनुसार छत्तीसगढ़ी कलाकार मल्टीप्लेक्स में फिल्में लगवाना चाहते हैं। इसके बाद एसोसिएशन ने मेल कर उन्हें प्रदर्शन करने से रोक दिया। कलाकारों का कहना है कि जैसे अन्य हिंदी फिल्मों को दिखाया जाता है वैसा ही छत्तीसगढ़ी फिल्मों को भी दिखाया जाए।
गृहमंत्री के साथ 6 जून को होगी कलाकारों की मीटिंग
जेल से छूटने के बाद कलाकार गृहमंत्री से मिलने उनके बंगले पर पहुंचे। जहां पर कलाकारों को आश्वासन दिया गया है। वहीं बताया गया कि 6 जून को मीटिंग रखी गई है, इसमें सभी प्रकार के छत्तीसगढ़ी कलाकार, फ़िल्मकार, निर्देशक, निर्माता सभी से एक एक घंटा चर्चा कर इसके बीच का उपाय निकाला जाएगा। उसके बाद आगे क्या करना चर्चा से निकले बिंदुओं पर आधार पर कार्रवाई की जाएगी। कलाकारों का कहना है कि ये प्रदर्शन है सरकार के ख़िलाफ़ नहीं हैं बल्कि मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन के खिलाफ है। जो छत्तीसगढ़ी लोगों और कलाकारों को अपमानित करते हैं। इसलिए छत्तीसगढ़ी मूवी नहीं लगाते हैं। इस तरह सिनेमाघरों के मालिकों द्वारा अपमान किया जा रहा है जिसके ख़िलाफ़ आज का धरना प्रदर्शन था।