Edited By : Dhanesh Diwakar
केंद्र सरकार नवंबर 2020 तक राज्यसभा में भी बहुमत हासिल कर लेगी। इससे उम्मीद बध रही है कि तीन तलाक और नागरिक संशोधन जैसे कई महत्वपूर्ण विधेयक दोनों सदनों से पास हो सकते हैं।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। भाजपा की अगुवाई वाला एनडीए (NDA) अगले साल नवंबर में राज्यसभा (Rajya Sabha) में पूरी तरह बहुमत में होगा। ऐसा होने की स्थिति में केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार कुछ महत्वपूर्ण बिलों को संसद के दोनों सदनों में पारित कराने की स्थिति में होगी। उच्च सदन में पर्याप्त संख्याबल नहीं होने के कारण पिछली नरेंद्र मोदी सरकार इन महत्वपूर्ण विधेयकों को विपक्ष के अड़ंगे के कारण नहीं पास करा सकी थी।
इसी साल से दिखने लगेगा बदलाव
मौजूदा वक्त में राज्यसभा में एनडीए के 102 सदस्य हैं जबकि उच्च सदन से किसी विधेयक को पारित कराने के लिए 123 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होती है। कांग्रेस की अगुवाई वाला यूपीए की 65 और अन्य दलों की 73 सीटें हैं। हालांकि, इसी साल से उच्च सदन में बदलाव दिखाई देने लगेगा। राज्य सभा में साल 2019 में 10 और साल 2020 में 72 सीटें रिक्त होंगी। उच्च सदन में इस साल जो दस सीटें खाली होंगी उनमें असम के हिस्से में दो, तमिलनाडु की छह, बिहार और ओडिशा की एक–एक सीटें आएंगी।
किस राज्य के हिस्से में कितनी सीटें
साल 2020 में जो 72 सीटें खाली होंगी उनमें यूपी के हिस्से की 10, महाराष्ट्र की सात, तमिलनाडु की छह, बंगाल–बिहार की पांच–पांच, कर्नाटक, गुजरात, आंध्र प्रदेश और ओडिशा की चार–चार सीटें होंगी। साल 2020 में ही राजस्थान, मध्य प्रदेश और असम की तीन–तीन सीटें जबकि हरियाणा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और झारखंड के हिस्से की दो–दो सीटें खाली होंगी। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय और अरुणाचल के हिस्से की एक–एक सीटें भी खाली होंगी।
राज्यसभा की मौजूदा स्थिति
एनडीए– 102 सीटें
यूपीए– 65 सीटें
गैर एनडीए और गैर यूपीए दल– 73 सीटें
नामित सदस्य– आठ
बहुमत के बाद ये महत्वपूर्ण विधेयक हो सकते हैं पारित
राज्यसभा में पर्याप्त संख्याबल नहीं होने से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार दोनों सदनों से तीन तलाक बिल और नागरिक संशोधन विधेयक नहीं पारित करा सकी है। लोकसभा से इन पर मुहर तो लग जाती है लेकिन विपक्ष के विरोध के चलते दोनों विधेयक संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा से पास नहीं हो पाते हैं। गौरतलब है कि सोलहवीं लोकसभा भंग होते ही विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक और तीन तलाक पर रोक लगाने वाला विधेयक निरस्त हो गए हैं। केंद्र की मोदी सरकार ने ट्रिपल तलाक के खिलाफ अध्यादेश लाया था।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का कार्यकाल अगले महीने हो रहा पूरा
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कुछ समय तक राज्यसभा से बाहर रहना पड़ सकता है। उच्च सदन के सदस्य के रूप में उनका कार्यकाल इसी वर्ष जून में समाप्त हो रहा है। लगातार पांच बार राज्यसभा के सदस्य चुने गए मनमोहन का छह साल का कार्यकाल 14 जून को समाप्त हो जाएगा। असम से खाली होने जा रही राज्यसभा की दो सीटों के लिए चुनाव आयोग ने सात जून को चुनाव कराने की घोषणा कर दी है। इनमें से एक सीट पूर्व प्रधानमंत्री की है। दूसरी सीट सांतियूस कुजूर की है। वह भी कांग्रेस के सदस्य हैं।