रायपुर लोकसभा सीट के बसपा प्रत्याशी ने “हाथी” का साथ छोड़ थामा कांग्रेस का “हाथ”

रायपुर लोकसभा सीट से बसपा के प्रत्याशी ने कांग्रेस का थामा हाथ, बोले-पार्टी प्रचार के लिए नहीं दे रही थी फंड

खिलेश्वर साहू कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार प्रमोद दूबे को जिताने की कर रहे अपील
खिलेश्वर साहू ने कहा कि पार्टी का फोकस जांजगीर चापा था न कि रायपुर
पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को जांजगीर में लगा दिया था, इससे भी खिन्न थे साहू
अचानक उलटफेर से रायपुर लोकसभा सीट में बसपा की उम्मीदवारी रिक्त हो गई है

रायपुर.
लोकसभा चुनाव के तहत प्रदेश में तीसरे चरण के मतदान से 4 दिन पहले बसपा प्रत्याशी ने पार्टी छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। रायपुर लोकसभा सीट से बसपा के प्रत्याशी खिलेश्वर साहू ने चुनावी मैदान से हटने का निर्णय लेते हुए कांग्रेस पार्टी प्रत्याशी प्रमोद दूबे को जिताने की अपील की है। खिलेश्वर साहू ने कहा कि बसपा ने रायपुर से प्रत्याशी तो बना दिया था पर प्रचार के लिए फंड नहीं दे रही थी। इसके अलावा कार्यकर्ताओं तक को जांजगीर में लगा रखा था।

पार्टी का फोकस जांजगीर ही है- साहू

खिलेश्वर साहू ने कहा कि बसपा का मुख्य फोकस जांजगीर लोकसभा सीट है। फंड की कमी और रायपुर लोकसभा सीट में कार्यकर्ताओं के न होने से प्रचार नहीं हो पा रहा था। चूंकि बसपा का भी मकसद भाजपा को सत्ता में नहीं आने देना है। कांग्रेस का भी मकसद यही है।

मुख्यमंत्री बघेल के काम से प्रभावित हूं- खिलेश्वर

बसपा में रहते हुए साहू बहुल क्षेत्र अभनपुर में खिलेश्वर साहू राजनीतिक रूप से काफी सक्रिय रहे हैं। अभनपुर विधानसभा क्षेत्र रायपुर लोकसभा क्षेत्र का ही हिस्सा है। पिछड़ा वर्ग फैक्टर को ध्यान में रखते हुए बसपा ने खिलेश्वर को चुनावी मैदान में उतारा था। उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री बघेल के काम से प्रभावित होकर कांग्रेस में आए हैं।

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