पिछले कुछ दिनों में वॉट्सऐप यूजर्स की जासूसी और पेगासस स्पाइवेयर को लेकर कई खबरें आई हैं। वॉट्सऐप का आरोप है कि पेगासस के जरिए वॉट्सऐप यूजर्स की जासूसी की जा रही थी। यह काफी गंभीर मामला है क्योंकि इसमें सीधे तौर पर यूजर्स की प्रिवेसी का उल्लंघन किया जा रहा था। पेगासस को लेकर यूजर्स के मन में एक डर बना हुआ है। आज हम यहां आपको बताने वाले हैं कि कैसे पेगासस एक आम यूजर के लिए खतरनाक हो सकता है। इसके साथ ही हम इससे बचने के तरीके भी जानेंगे।
पेगासस 2.0
स्पाइवेयर पेगासस के पहले वर्जन में हैकिंग के लिए वायरस को एक लिंक के तौर पर एसएमएस या वॉट्सऐप मेसेज के जरिए भेजा जाता था। इस लिंक पर क्लिक करते ही यूजर का डिवाइस हैक हो जाता था। पेगासस का लेटेस्ट वर्जन और भी खतरनाक है। यह अब केवल एक वॉट्सऐप मिस्ड कॉल के यूजर के फोन में एंटर कर सकता है।
वॉट्सऐप में सेंधमारी
पेगासस के आने से वॉट्सऐप के एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन पर सवाल खड़े हो गए हैं। एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन के कारण वॉट्सऐप को काफी सेफ माना जाता था क्योंकि कोई थर्ड पार्टी एनकोडेड मेसेजेस को नहीं देख सकती थी। हालांकि, पेगासस ने इसका भी तोड़ निकाल लिया। इसकी वजह यह है कि मेसेज के डीकोड होने और यूजर के फोन में आने के बाद अटैचमेंट सहित उसे पेगासस के जरिए उसे बहुत आसानी से मॉनिटरिंग सर्वर पर अपलोड किया जा सकता है।
अनइंस्टॉल करने का फिलहाल कोई तरीका नहीं
पेगासस को अनइंस्टॉस करने का फिलहाल कोई तरीका पता नहीं चल पाया है। यह इतना खतरनाक है कि यह फोन के फैक्ट्री रीसेट होने के बाद भी उसमें मौजूद रहता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे बचने का केवल एक ही तरीका है और वह है नया डिवाइस खरीदना। नए डिवाइस में पुराने सभी लॉगइन डीटेल्स को बदलना ही इससे बचने का अकेला तरीका है।
अब तक क्या हुआ
वॉट्सऐप ने कैलिफॉर्निया के फेडरल कोर्च में एनएसओ ग्रुप के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। वॉट्सऐप ने एनएसओ पर आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनी ने सर्विस टर्म्स ऐंड कंडिशन को न मानते हुए अपना स्पाइवेयर डिवेलप किया और वॉट्सऐप मेसेजेस को हैक किया। वहीं, दूसरी तरफ एनएसओ ने वॉट्सऐप द्वारा लगाए गए इन आरोपों का खंडन किया है।
आपको शक हो तो क्या करें
अगर आपको जरा भी शक है कि आपके फोन पर पेगासस अटैक कर चुका है तो तुरंत अपने सभी पासवर्ड्स को बदल दें। स्पाइवेयर से बचने के लिए केवल डिवाइस को ही बदलना ही काफी नहीं क्योंकि यह लॉगइन आईडी और पासवर्ड सहित हर तरह के डीटेल्स दर्ज कर लेता है।
कब और किनकी हुई जासूसी
पेगासस के जरिए 20 देशों में 1400 लोगों की जासूसी की गई। इसमें 20 भारतीय भी शामिल थे। यह जासूसी इसी साल 20 अप्रैल से 10 मई के बीच की गई। इसमें सरकारों, सैन्य अधिकारियों, विपक्षी नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया गया।
भारत में क्या हुआ