Edited By : Dhanesh Diwakar
Khesari Lal Yadav: फर्श से अर्श तक पहुंचे भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव आज भी अपने गुरबत के दिनों को भुला नहीं पाए हैं। गरीबी क्या होती है खेसारी ने उसको करीब से महसूस किया है। यही कारण है कि आज भोजपुरी के बड़े स्टार बन जाने के बाद भी वह जरूरतमंद लोगों की मदद करना नहीं भूलते। बहुत कम लोगों को पता होगा कि खेसारी लाल ना सिर्फ अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा लोगों की मदद में लगा देते हैं बल्कि वह नियमित तौर पर वृद्धाश्रम जाकर बूढ़े–बुजुर्गों के बीच वक्त बिताते हैं। उनका आशीर्वाद लेते हैं।
एक इंटरव्यू में खेसारी लाल यादव ने अपने गरीबी के दिनों को याद करते हुए कहते हैं– ‘मैं जो कुछ भी आज बना हूं वह सिर्फ लोगों की वजह से बन पाया है। इसी बात को आगे बढ़ाते हुए वह । इस बात का भी जिक्र करते हैं, ‘वह सभी धर्मों और जातियों के 62 बच्चों को गोद ले रखे हैं। गोद लिए बच्चों पर वह हर महीने 3 लाख रुपए सिर्फ पढ़ाई पर खर्च करते हैं।‘
खेसारी ने इस इंटरव्यू में यह भी बताया था– ‘वह हर महीने वृद्धाश्रम जाते हैं। उस दौरान वह 50 हजार के फल भी ले जाते हैं जो बुजुर्गों में दान कर देते हैं। यही नहीं उन बुजुर्गों का पैर भी धोते हैं। उनका आशीर्वाद लेते हैं। बता दें कि खेसारी का शुरुआती जीवन काफी गरीबी में गुजरा है। वह छपरा (बिहार) के रसूलपुर चट्टी धनाड़ी गांव के साधारण से परिवार में जन्मे। वह करीब 10 सालों तक दूध ही नहीं बेचे बल्कि दिल्ली आकर पत्नी के साथ लिट्टी चोखा की रेहड़ी भी लगाई। इन्हीं संघर्षों ने उन्हें आज इस मुकाम पर पहुंचाया है।