पंचायत भी चुनाव इस बार बदले स्वरूप में नजर आ सकते हैं। इस बार नया यह होगा कि सरपंचों को भी गांवों की जनता नहीं बल्कि पंच मिलकर चुनेंगे। फिलहाल उच्च स्तर पर इस विधि से सरपंचों को चुनने का फैसला सरकार ने कर लिया है। इसके लिए जल्द ही पंचायत अधिनियम में अध्यादेश के जरिए संशोधन करने जा रही है।
सरकार पहले ही महापौर का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से करने का फैसला कर चुकी है। इसके लिए अध्यादेश में भी संशोधन किया गया है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान पहले पंचों का चुनाव जनता करेगी फिर वे मिलकर अपने बीच में से पंच चुनेंगे। राज्य निर्वाचन आयोग को भी इस बात के संकेत दे दिए हैं।
मालूम हो कि पंचायत चुनाव गैरदलीय अदार पर होते हैं, लेकिन राजनीतिक दल अप्रत्यक्ष तौर पर उम्मीदवारों को समर्थन देकर उन्हें जीताने की कोशिश करते हैं।। नतीजों के बाद विजयी प्रत्याशियों पर दल अपना दावा भी ठोकते हैं।
अब तक यह होता था कि पंचायत चुनाव में वोटर 4-4 वोट डालता था। इसमें एक वोट सरपंच, एक पंच, एक जनपद सदस्य और एक वोट जिला पंचायत सदस्य के लिए होता था। इनमें से जिला पंचायत सदस्य मिलकर अध्यक्ष को चुना करते थे। जनपद के चयन में भी इसी तरह की व्यवस्था थी।