सुप्रीम कोर्ट में आज से अयोध्या केस की आखिरी दौर की सुनवाई आज से शुरू होने जा रही है। अब तक कुल 37 दिनों की बहस के दौरान हिंदू पक्षों की दलीलें पूरी हो चुकी हैं और वरिष्ठ वकील राजीव धवन संवैधानिक पीठ के सामने मुस्लिम पक्ष की दलीलें रख रहे हैं। दशहरा की हफ्तेभर की छुट्टी के बाद सुप्रीम कोर्ट में 38वें दिन की कार्यवाही शुरू होगी तो मुस्लिम पक्ष आगे की दलीलें रखेगा।
राजनीतिक और सांप्रदायिक तौर पर इस बेहद संवेदनशील मामले में सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने की उम्मीद में अयोध्या जिला प्रशासन ने धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दिया है जो 10 दिसंबर तक कायम रहेगा। बहरहाल, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ ने मुस्लिम पक्ष से कहा है कि वह 14 अक्टूबर तक अपनी दलीलें पूरी करे। उसके बाद दो दिन, 15 और 16 अक्टूबर को हिंदू पक्ष को जवाबी दलील देने का मौका मिलेगा। पीठ ने बहस की पूरी कार्यवाही 17 अक्टूबर को खत्म करने की समयसीमा तय कर रखी है।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस ए नजीर की संविधान पीठ ने इस जटिल मुद्दे का सौहार्दपूर्ण हल निकालने के लिए मध्यस्थता प्रक्रिया के नाकाम होने के बाद 6 अगस्त से प्रतिदिन की कार्यवाही शुरू की थी। पीठ इलाहाबाद हाई कोर्ट के 2010 के उस फैसले के खिलाफ 14 अपीलों पर सुनवाई कर रही है, जिसमें रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद की विवादित 2.77 एकड़ जमीन को सभी सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला विराजमान के बीच समान बंटवारे का आदेश दिया गया था। उम्मीद की जा रही है कि 17 नवंबर को बहस की प्रक्रिया खत्म होने के एक महीने के अंदर यानी 17 नवंबर तक अयोध्या केस का बहुप्रतीक्षित फैसला आ जाएगा।