नया रायपुर अब होगा नवा रायपुर, पर अटल नगर का नाम नहीं बदलेगा

नया रायपुर अब सरकारी रिकार्ड और साइन बोर्ड वगैरह में नवा रायपुर के नाम से जाना जाएगा, यानी सरकार ने इसे छत्तीसगढ़ी कलेवर देने का फैसला लिया है। इसके साथ ही होर्डिंग से प्राधिकरण में दर्ज नाम भी बदल दिए जाएंगे। कैबिनेट की अगली बैठक में इसे रखा जाएगा। तत्कालीन रमन सिंह सरकार में अटल जी के नाम पर स्मार्ट सिटी नया रायपुर का नाम अटल नगर रखा गया था। हालांकि बदले गए नाम अटल नगर पर कोई असर नहीं होगा, यानी उस शहर का नाम अटल नगर ही रहेगा।

नाम बदलकर भूपेश सरकार गलत परंपरा नहीं शुरू करना चाहती

आवास-पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने साफ किया कि पिछले साल नए शहर का जो नाम रखा गया था, भूपेश सरकार उसे इसलिए नहीं बदलना चाहती क्योंकि इससे गलत परंपरा शुरू होने की आशंका है। यही नहीं, मंत्री ने नवा रायपुर में काम कर रहे कंसल्टेंट्स की संख्या, उनका फील्ड और भुगतान की पूरी फाइलें मंगवा ली हैं। अटल नगर विकास प्राधिकरण के कार्यों की समीक्षा करते हुए मंत्री अकबर ने कहा कि अब प्राधिकरण का फोकस इस बात पर रहना चाहिए कि शहर में बसाहट तेज हो।

आवास मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि इसके लिए जितनी भी जरूरी परियोजनाएं हैं, सभी को पूरा किया जाए और बेवजह पैसे खर्च न हों। जो काम गैरजरूरी हैं, उन्हें तुरंत रोकना होगा, क्योंकि नए शहर में बसाहट ही सबसे ज्यादा जरूरी है। समीक्षा बैठक में तय हुआ कि नवा रायपुर में अभी जो भी काम चल रहे हैं, उनकी सूची बनाकर जरूरी और गैरजरूरी कार्यों को एक हफ्ते के भीतर अलग-अलग चिन्हित कर लिया जाए। इसके अनुरूप ही आगे की कार्य योजना बनाकर काम को आगे बढ़ाया जाएगा।

पैसा नहीं, बचें फिजूलखर्ची से

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप मंत्री ने बैठक में कहा कि सरकार पूरी तरह फिजूलखर्ची के खिलाफ है। उन्होंने एएनवीपी की वित्तीय स्थिति की जानकारी ली तो अफसरों ने बताया कि स्थिति ठीक नहीं है, बजट बहुत कम है। तब मंत्री ने निर्देश दिए कि अब गैरजरूरी सारे कार्य बंद कर दिए जाएं तथा पूर्ण व लंबित कार्यों में खर्च की गई राशि की जानकारी इकट्ठा की जाए।

मुआवजे का निराकरण

बैठक में दौरान जमीन अधिग्रहण के मामले में मंत्री ने निर्देश दिए कि जिन्हें अब तक मुआवजा नहीं मिला है, उन्हें समूह में बुलाकर चर्चा करें और उनके एकाउंट में देय मुआवजे की रकम डालना शुरू की जाए। इस बैठक में एसीएस अमिताभ जैन, विशेष सचिव संगीता पी के अलावा एएनवीपी के अफसर मौजूद थे।

कंसल्टेंट्स की मांगी जानकारी

समीक्षा बैठक के दौरान यह बात भी आई कि नया रायपुर के विकास तथा अन्य मुद्दों पर पिछली सरकार ने कई सलाहकार (कंसल्टेंट) नियुक्त कर रखे हैं। इन्हें सलाह देने के लिए काफी तगड़ा भुगतान भी किया जा रहा है। अफसरों से कहा गया है कि हर कंसल्टेंट के बारे में वे बताएं कि वे किस कार्य के लिए नियुक्त किए गए हैं, अब तक क्या कर चुके हैं, कितना भुगतान पा चुके हैं और जिस काम के लिए उन्हें इतना भुगतान किया गया, वह बसाहट तेज करने के लिए जरूरी है या नहीं। मंत्री ने सभी कंसल्टेंट्स की फाइलें बुलवा ली हैं। इनकी समीक्षा मंगलवार से शुरू कर दी जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *