नहीं, भारत ने पिछले 6 वर्षों में पीएम मोदी के शासन में विश्व बैंक के सारे लोन नहीं चुकाए हैं

 

 

साझा किये गए संदेश के मुताबिक, पिछले 70 सालों में भारत विश्व बैंक का सबसे बड़ा क़र्ज़ लेने वाला देश बना है, पहले भारत में जन्म लेने वाला हर बच्चा जन्म से कर्ज़दार होता था, जो काम महान अर्थशास्त्री नहीं कर पाए वो एक चायवाले ने कर दिया, उसने भारत और भारत के भाग्य को बदल दिया, 6 साल के भीतर नरेन्द्रमोदी ने विश्व बैंक के सारे क़र्ज़ को चूका दिया। भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र में किया गया पूरा भुगतान, कौन है वह जो भारत में आर्थिक मंदी की बात कर रहा था? #UNLoanCleared #ModiHaiToMumkinHai” (अनुवाद)

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन के एक ट्वीट के स्क्रीनशॉट का उपयोग करके इसका प्रचार किया जा रहा है।

तथ्य जांच

सोशल मीडिया का दावा विभिन्न पहलुओं से गलत है और इस लेख में हम इन सभी पहलुओं की पड़ताल करेंगे।

1. अकबरुद्दीन का ट्वीट संयुक्त राष्ट्र के लोन भुगतान से संबंधित है, नाकि विश्व बैंक से लिए गए लोन से

सैयद अकबरुद्दीन का 11 अक्टूबर का ट्वीट है, “सबका भुगतान किया जा चूका है। 193 में से केवल 35 राज्यों ने UN को भुगतान कर दिया है। (अनुवाद)

यह खुद अपने आप में इस बात को साबित करता है कि अकबरुद्दीन संयुक्त राष्ट्र के लोन भुगतान करने की बात कर रहे थे, ना कि विश्व बैंक को लोन का भुगतान करने की।

11 अक्टूबर, 2019 को प्रकाशित ‘संयुक्त राष्ट्र की वित्तीय स्थिति’ पर एक रिपोर्ट, चार्ट (अकबरुद्दीन द्वारा ट्वीट भी) प्रकाशित किया गया है, जो उन देशों को सूचीबद्ध करता है, जिन्होंने 11 अक्टूबर 2019 तक अंतर्राष्ट्रीय निकाय के सभी मूल्यांकन बकाया का भुगतान किया है।

सयुंक्त राष्ट्र हर साल इस रिपोर्ट को साझा करता है। मई 2019 में जारी हुई पिछली रिपोर्ट यह दर्शाती है कि भारत ने सभी पैसों का भुगतान कर दिया था।

2. सयुंक्त राष्ट्र को भुगतान किये गए पैसे, लोन से संबंधित नहीं है

यह उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र को भुगतान किया गया धन लोन से संबंधित नहीं है। ये इसके प्रत्येक 193 सदस्य राष्ट्रों द्वारा अंतरराष्ट्रीय निकाय को निधि देने के लिए दिया जाने वाला एक अनिवार्य राशि हैं। संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों द्वारा किये जाने वाले भुगतान के अलावा, सदस्य ज़्यादा राशि का भुगतान भी कर सकते है। संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 17 में कहा गया है, संगठन का खर्च महासभा द्वारा नियुक्त सदस्यों के रूप में दिया जायेगा।-अनुवादित।

सैयद अकबरुद्दीन का बयान कि देश ने अपना सारा भुगतान कर दिया है इसका मतलब है कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र के नियमित वार्षिक बजट, शांति स्थापना मूल्यांकन और ट्रिब्यूनल मूल्यांकन का पूरा भुगतान कर दिया है।

3. भारत अपने सभी लोन का भुगतान नहीं किया है

विश्व बैंक के डाटा के अनुसार, भारत का लोन 3277 मिलियन डॉलर से बढ़कर 2019 में 3.2 बिलियन डॉलर हो गया है। इसमें इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (IBRD) और IDA (इंटरनेशनल डेवलपमेंट एसोसिएशन) द्वारा दी गई प्रतिबद्धताएं भी शामिल है, जो विश्व बैंक का एक हिस्सा हैं।

नीचे दिया गया ग्राफ़ वित्तीय संस्थान द्वारा 2015 से अब तक की रकम को दर्शाता है।

सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा है कि भारत ने पिछले छह वर्षों में अपने सभी लोन का भुगतान कर दिया है। हालांकि, देश का स्वामित्व IDA के पास है, जो दुनिया के सबसे गरीब देशों की मदद करता है, 2014 से हाल के बीच 21 परियोजनाओं के लिए 1.1 बिलियन डॉलर से अधिक राशि की मदद पहुंचाई है।

इसके अतिरिक्त, भारत में 11 परियोजनाओं के लिए IBRD का 2.3 बिलियन डॉलर का बकाया है। जिनमें से नौ परियोजनाओं के लिए संप्रग सरकार के दौरान सहमति व्यक्त की गई थी।

विश्व बैंक द्वारा 26 मई, 2014 (जब पीएम मोदी ने पदभार संभाला) से स्वीकृत सभी परियोजनाओं की एक सूची यहां पर देखी जा सकती है।

इसलिए भारत ने विश्व बैंक को सभी लोन का भुगतान नहीं किया है। वास्तव में, 2016 में संगठन द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट से इस बात का पता चला कि भारत स्वतंत्रता के बाद से सभी देशों से अधिक लोन लेने वाला देश बना है। इसमें प्रधानमंत्री मोदी के पहले कार्यकाल में ली गई लोन भी शामिल है। संरचना की जरूरतों के साथ एक विकासशील देश होने की वजह से भारत मुख्य रूप से परिवहन, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, ऊर्जा, सहित अन्य पर ध्यान केंद्रित करने वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए विश्व बैंक पर निर्भर है। इनमें से कई योजनाओं का भुगतान, भुगतान सूची और बकाया राशि के कारण बाकि है।

यह ध्यान देने लायक है कि सैयद अकबरुद्दीन द्वारा साझा किया गया स्क्रीनशॉट विश्व बैंक को लोन का भुगतान करने से संबंधित नहीं है बल्कि एक सदस्य के तौर पर सयुंक्त राष्ट्र को किया गया भुगतान है।

साभार : आल्ट न्यूज

https://www.altnews.in/hindi/no-india-has-not-repaid-all-its-world-bank-loans-in-6-years-of-pm-modis-governance/

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