एक तरफ देश भर में कैश की मांग बढ़ती जा रही है तो दूसरी ओर एटीएम की संख्या लागातर कम होती जा रही है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने आंकड़े जारी कर बताया है कि कैसे दो साल में एटीएम की संख्या में कमी आई है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के आंकड़ों से भी पता चला है कि ब्रिक्स देशों में सबसे कम एटीएम भारत में ही है.
एटीएम की संख्या में गिरावट तब देखने को मिली जब एटीएम चलाने और उनके रख रखाव के नियम कड़े और इन मशीनों को चलाने में पैसे ज्यादा खर्च होने लगे. आरबीआई की ओर से पिछले साल लगाए गए सुरक्षा, सॉफ्टवेयर और उपकरण महंगे हो गए
न सिर्फ सरकारी बैंक बल्कि प्राइवेट बैंक भी अपने एटीएम की संख्या में कटौती कर रही है. अकेले स्टेट बैंक 1,000 से ज्यादा मशीनों को बंद कर दिया है. मार्च 2016 में 199,099 एटीएम देश में था जो कि एक मार्च 2017 में बढ़कर 208,354 हो गया. मार्च 2018 में कमी देखने को मिली और यह घटकर 207,052 हो गए. अब मार्च 2019 तक 202,196 एटीएम बचे हैं.
आईएमएफ के मुताबिक रूस में जहां हर 1 लाख व्यक्ति पर 164 एटीएम है तो वहीं ब्राजील में 107 एटीएम है. चीन में हर 1 लाख व्यक्ति पर एटीएम की संख्या 81 है तो दक्षिण अफ्रीका में यह 68 है. अगर भारत की बात करें तो एक लाख की आबादी पर सबसे कम एटीएम है. यहां मात्र 22 एटीएम प्रति 1 लाख व्यक्ति है.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई की ओर से सुरक्षा नियमों को सख्त करने के आदेश के कारण बैंकों और एटीएम को जरूरी बदलाव करने पड़ रहे हैं. इन नियमों को लागू करने में बड़ी राशि खर्च करनी पड़ रही है.