जम्मू- कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली धारा 370 को निरस्त कर दिये जाने के बाद सुरक्षा कारणों से लगाई गई विभिन्न पाबंदियों के चलते पिछले तीन माह के दौरान कश्मीर घाटी में व्यावसायिक समुदाय को 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है। एक व्यापारिक संगठन ने यह दावा किया है।
केन्द्र सरकार ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर में लागू धारा 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निष्प्रभावी कर दिया। उसके बाद सुरक्षा की दृष्टि से राज्य में कई तरह की पाबंदियां लगाई गईं। रविवार को इन पाबंदियों को लागू हुये 84 दिन हो गये। इन पाबंदियों के चलते मुख्य बाजार ज्यादातर समय बंद रहे और सार्वजनिक परिवहन भी सड़कों से नदारद रहा।
कश्मीर वाणिज्य एवं उद्योग मंडल के अध्यक्ष शेख आशिक के मुताबिक शहर के कुछ दुकानें सुबह के समय और शाम को अंधेरा होते समय खुलती हैं लेकिन मुख्य बाजार बंद हैं। कितना नुकसान हुआ है इसका अनुमान अभी लगाना मुश्किल है क्योंकि स्थिति अभी तक सामान्य नहीं हो पाई है। इस दौरान कारोबारी समुदाय को गंभीर झटका लगा है और उसका इससे उबरना मुश्किल लगता है।
‘‘कश्मीर क्षेत्र में अब तक कुल कारोबारी नुकसान 10,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर चुका है और सभी क्षेत्रों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। करीब तीन माह होने को है और मौजूदा स्थिति को देखते हुये लोग अभी भी कारोबार नहीं कर रहे हैं। हाल के सप्ताहों में कुछ बाजार खुले और कारोबार शुरू किया गया लेकिन हमारे पास उपलब्ध सूचना के मुताबिक कामकाज काफी सुस्त रहा।’’