14 अक्टूबर से शुरू हो रहा कार्तिक मास, जानें स्नान और दान का महत्व

इस महीने में भगवान शिव और विष्णु तथा कार्तिकेय और तुलसी की पूजा अर्चना से विशेष मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं.

ज्योतिष के अनुसार कार्तिक के महीने को बहुत ही शुभ और पवित्र महीना माना जाता है. कार्तिक मास 14 अक्टूबर से 12 नवंबर तक रहेगा. कार्तिक के महीने में स्नान दान और उपवास करने से सभी कष्टों से मुक्ति बहुत आसानी से मिल जाती है. इस महीने में भगवान शिव और विष्णु तथा कार्तिकेय और तुलसी की पूजा अर्चना से विशेष मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं.

 

कार्तिक महीने में कैसे पाएं खोया हुआ सम्मान?

–  खोए हुए मान-सम्मान की प्राप्ति के लिए भगवान सूर्यनारायण की विशेष उपासना फलदाई हो सकती है

–  कार्तिक के महीने में सूर्य तुला राशि में होने के कारण उनकी सूर्योदय के समय की गई पूजा मान सम्मान की प्राप्ति करा सकती हैं

– भगवान सूर्यनारायण की तीन परिक्रमा करें और गायत्री मंत्र का जाप करके अपने मान सम्मान की प्राप्ति की प्रार्थना करें

– तांबे के लोटा पर एक लाल कलावा लपेटें उसमें जल शक्कर लाल गुलाब के फूल की पत्तियां और केसर डालकर भगवान सूर्यनारायण को अर्घ्य दें

 

कार्तिक महीने के स्नान से दूर होंगी सभी बीमारियां

– कार्तिक के महीने में सूर्योदय होने से पहले किए गए स्नान से उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है

– अपने स्नान के जल में एक चम्मच गंगाजल मिलाएं और 3 बार ॐ मंत्र का जाप करके स्नान करें

–  स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और  देसी घी का दिया तुलसी के पास जलाएं

–  तथा भगवान शिव को पांच बेलपत्र पर सफेद चंदन लगाकर नमः शिवाय मंत्र का जाप करके अर्पण करें

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