2 किलो प्लास्टिक कचरा इकट्ठा करने पर 200 रुपए का खाना मुफ्त, डिस्पोजल की जगह कुल्हड़ में बांट रहे चाय

Edited By : Dhanesh Diwakar

रायपुर। 2022 तक देश को प्लास्टिक मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। गांधी जयंती से भारत में सिंगल यूज प्लास्टिक बैन कर दिया जाएगा। देश को प्लास्टिक मुक्त बनाने यह पहल की जा रही है।

सिंगल-यूज प्लास्टिक से बनने वाले छह समाग्री प्लास्टिक बैग, स्ट्रॉ, कप्स, प्लेट, बोतल और शीट्स का उपयोग सर्वाधिक किया जा रहा है। रोजमर्रा के जीवन में इनका इस्तेमाल इस कदर बढ़ चुका है कि घरों से निकलने वाले कचरे में सर्वाधिक हिस्सा प्लास्टिक का ही होता है। सरकार द्वारा प्लास्टिक काे 2 अक्टूबर से बैन किया जाएगा, लेकिन कई ऐसी संस्थाएं हैं, जो इस दिशा में पहले से ही प्रयास कर रही हैं।

पर्यावरण बचाने ये संस्थाएं ना सिर्फ अपनी लागत पर कपड़े के थैले बांट रही हैं, बल्कि नुक्कड़ नाटक, पोस्टर निर्माण जैसे रचनात्मक कार्य भी कर रही हैं। संस्थाओं के इतर कई व्यक्ति अपने स्तर पर ही प्लास्टिक के कचरे से लड़ रहे हैं। जानिए ऐसी ही संस्थाओं और व्यक्तियों के बारे में, जो प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने की दिशा में लंबे वक्त से कार्य कर रहे हैं।

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