भाजपा सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट स्काई योजना पर लगने के साथ ही 650 करोड़ का पेमेंट रोक दिया गया है। इसके बाद भी सरकारी खजाने के 200 करोड़ बर्बाद हो गए, क्योंकि अधिकांश मोबाइल रिचार्ज नहीं होने या तकनीकी खराबी के कारण बंद हैं। गांव में 6 महीने का रिचार्ज खत्म होने के बाद ही ज्यादातर मोबाइल बंद हो गए हैं। इस बीच कुछ मोबाइल बिगड़ गए।
कांग्रेस सरकार ने कंपनी से स्काई योजना के तहत एग्रीमेंट के मुताबिक 14200 गांवों में नेटवर्क कवरेज देने की शर्त रखी है। 1700 गांव ऐसे हैं, जहां नेटवर्क कवरेज नहीं है। जो मोबाइल बचे थे, उन्हें बीजेपी सरकार का एप्लीकेशन हटाकर कंपनी ने मार्केट में लांच कर दिया है। बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा सरकार ने महिलाओं और स्टूडेंट्स को 50.15 लाख मोबाइल बांटने की योजना शुरू की थी।
अधिकतर छात्रों ने आधी कीमत में बेच दिया : छत्तीसगढ़ की पिछली सरकार ने जिनको मुफ्त मोबाइल बांटे, उनमें से अधिकतर के पास पहले से स्मार्ट फोन था। कुछ ने परिवार के अन्य सदस्यों को फोन दे दिया तो अधिकतर ने आधे दाम में मोबाइल को बेच दिया। सरकार से मुफ्त में मिले मोबाइल फोन को अधिकतर हितग्राहियों ने जिनमें कॉलेज छात्रों की संख्या ज्यादा रही, उन्होंने ऑनलाइन शॉपिंग या अपने परिचितों को एक हजार से दो हजार रुपए की कीमत में बेच दिया।
सर्विसिंग सेंटर व मोबाइल दुकानों में सुधारने के लिए आ रहे : रायपुर में माइक्रोमैक्स के सर्विस सेंटर व निजी मोबाइल दुकानों में शासन से मिले मोबाइल फोन सुधार के लिए काफी संख्या में आ रहे हैं। पिछले साल मोबाइल मिलने के 3-4 महीने के दौरान ही सबसे ज्यादा कंपनी के सर्विस सेंटर व मोबाइल दुकानों में फोन सुधार के लिए आए थे।
अब प्रदेश सरकार ने कंपनी से अनुबंध के मुताबिक टॉवर लगाने की शर्त रखी
- ये था एग्रीमेंट में: 50.15 लाख मोबाइल बंटने थे। हितग्राही को बंटने के बाद पेमेंट करना था। 14200 गांवों में नेटवर्क कवरेज देना था।
- ये हश्र हुआ : 29 लाख मोबाइल बंटे। शर्त के मुताबिक नेटवर्क कवरेज पर काम नहीं हुआ। 11 हजार लोगों को रोजगार भी नहीं।
- योजना बंद: कांग्रेस सरकार ने मोबाइल की योजना बंद कर दी है। 650 करोड़ पेमेंट रोक दिया है। टॉवर लगाने की शर्त रखी है।