साउथ कोरिया की 3 कंपनियों के पास 31% मार्केट शेयर रहा, लेकिन टेक्नोलॉजी के मामले में चीन से पिछड़ रहीं

दुनियाभर में अब इलेक्ट्रिक व्हीकल की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। यही वजह है कि इस सेगमेंट में अब दुनियाभर की तमाम ऑटोमोबाइल कंपनियां कूद रही हैं। कम कीमत में ईवी की रेंज को कैसे बढ़ाया जाए वे इस बात पर लगातार काम कर रही हैं। हालांकि, ईवी के सबसे जरूरी पार्ट यानी बैटरी में साउथ कोरियन कंपनियों का दबदबा बढ़ा है। साल के पहले क्वार्टर में 3 कोरियन कंपनियों के पास 31% ग्लोबल मार्केट शेयर रहा।

मार्केट रिसर्च फर्म SNE रिसर्च के मुताबिक, बीते साल चीनी कंपनियों के मुकाबले में कोरियन कंपनियों का मार्केट शेयर फिसल गया था। हालांकि, इस साल LG एनर्जी सॉल्यूशन, सैमसंग SDI और SK इनोवेशन ने जनवरी से मार्च के दौरान 47.8 गीगावाट-घंटा (GWh) ईवी बैटरी की आपूर्ति की है। ये सालभर पहले से 127% ज्यादा है।

संयुक्त हिस्सेदार में 37.8% की गिरावट
कई बड़ी कंपनियों द्वारा ईवी सेगमेंट में आने से बैटरी की मांग तेजी से बढ़ी है, लेकिन पिछले साल की तुलना में इसकी संयुक्त हिस्सेदार में 37.8% की गिरावट आई है। इसका बड़ा कारण चीनी निर्माताओं ने ग्लोबाल मार्केट में तेजी से विस्तार किया है।

LG एनर्जी सॉल्यूशन नंबर-2 पर रही
योनहास समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, एलजी एनर्जी सॉल्यूशन टेस्ला, वोक्सवैगन और फोर्ड जैसी कंपनियों के इलेक्ट्रिक व्हीकल मॉडल के लिए बैटरी की आपूर्ति करती है। ये साल के पहले तीन महीनों में 20.5% मार्केट शेयर के साथ दूसरे स्थान पर रही।

दो अन्य कोरियाई मैन्युफैक्चरर्स सैमसंग SDI और SK इनोवेशन का मार्केट शेयर 5.2% प्रतिशत रहा। ये रेजर-थिन मार्जिन के साथ पांचवें और छठे स्थान पर रहीं।

एसएनई रिसर्च ने एक रिपोर्ट में कहा, “ईवी बैटरी टेक्नोलॉजी में तेजी से हो रहे बदलाव और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के चलते कोरियाई बैटरी निर्माता चीनी प्लेयर की वजह से पीछे हट रहे हैं।”

लेड-एसिड बैटरी के फैक्ट्स

  • लेड-एसिड बैटरी में इस्तेमाल होने वाला मुख्य तत्व लेड है। लंदन मेटल एक्सचेंज में वर्तमान में मेटल 2,000 डॉलर (करीब 1.5 लाख रुपए) प्रति टन के आसपास है।
  • वुड मैकेंजी के आंकड़ों के अनुसार, 2020 में प्राथमिक या खनन स्रोतों और माध्यमिक स्रोतों से लगभग 12.4 मिलियन टन परिष्कृत सीसा का उत्पादन किया गया था।
  • इंटरनेशनल लीड एसोसिएशन द्वारा अनुमानित आंकड़ों के अनुसार, कारों में लगभग 60% लेड-एसिड बैटरी का उपयोग किया जाता है।
  • यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद बैटरी की खपत के मामले में चीन सबसे बड़ा मार्केट प्लेयर है।