चिटफंड कम्पनियों के विरूद्ध 403 प्रकरण दर्ज ,154 प्रकरणों में की जा रही है कुर्की की कार्रवाई ,निवेशकों के धन वापसी की प्रक्रिया शुरू

चिटफंड कम्पनियों के मालिकों के विरूद्ध कार्रवाई के साथ ही इन कम्पनियों से धोखाधडी के शिकार लोगों की धन वापसी की प्रक्रिया भी शुरू हो गयी है। राज्य में अनियमित वित्तीय (चिटफंड) कम्पनियों के विरूद्ध 403 प्रकरणों दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है बिलासपुर सिविल लाइन में दर्ज प्रकरण में 2 लाख 80 हजार रूपए की राशि वापस कर दी गई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा चिटफंड कम्पनियों के प्रबंधकों और संचालकों के विरूद्ध अभियान चलाकर कार्रवाई करने और इन कम्पनियों के एजेन्टों और अभिकर्ताओं के विरूद्ध दर्ज प्रकरणों की वापस लेने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित आज कैबिनेट की बैठक में अनियमित वित्तीय (चिटफंड) कम्पनियों के विरूद्ध दर्ज प्रकरणों की समीक्षा गई और अधिकारियों को दर्ज प्ररकणों पर तेजी से कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2015 से अक्टूबर 2019 तक दर्ज किए प्रकरणों में छत्तीसगढ़ के निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2005 एवं नियम 2005 के तहत 248, ईनामी चिट और धन परिचालन स्कीम पाबंदी अधिनियम 1978 के तहत 65 और भारतीय दण्ड विधान की धारा के तहत 90 प्रकरण शामिल हैं। इन दर्ज किए गए प्रकरणों में डारेक्टर के विरूद्ध 379, पदाधिकारियों के विरूद्ध 148 प्रकरण शामिल हैं। धन वापसी की प्रक्रिया में कुल 154 प्रकरणों में सम्पत्ति का चिन्हांकन किया गया है तथा इन प्रकरणों में कुर्की की कार्रवाई की जा रही है।

इनमें वर्ष 2015 से 2019 के माह अक्टूबर तक दर्ज कुल 403 प्रकरणों में 3 लाख 65 हजार 570 लोग ठगी के शिकार हुए हैं। जिनमें लोगों से 12 अरब 59 करोड़ 83 लाख 39 हजार 436 रूपए की राशि ठगी गई है।

चिटफंड कंपनियों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किए गए हैं।

वर्ष 2015 में 74,

वर्ष 2016 में 123,

वर्ष 2017 में 98,

वर्ष 2018 में 54

वर्ष 2019 में 54

इनमें वर्तमान में सरकार द्वारा लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए उनके ठगे हुए पैसे की वापसी के लिए तत्परता से कार्रवाई की जा रही है। इनमें संलिप्त एजेंट के विरूद्ध दर्ज प्रकरणों की वापसी की कार्रवाई भी जारी है। इसके अलावा चिटफंड कंपनियों के संचालकों के विरूद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई जारी है।

अनियमित वित्तीय कंपनियों (चिटफंड) के विरूद्ध दर्ज प्रकरणों में सबसे अधिक प्रकरण दर्ज किए गए हैं। 

52 रायपुर जिले में

39 दुर्ग जिले में ,

30 राजनांदगांव जिले,

29 सरगुजा जिले में ,

26 बिलासपुर जिले में

25 रायगढ़ जिले में

20 बेमेतरा जिले में

20 बालोद जिले में

19 जांजगीर-चांपा जिले में

18 कांकेर जिले में

17 कोरबा जिले में

17 बलौदाबाजार जिले में

15 महासमुंद जिले में

14 धमतरी जिले में

13 सूरजपुर जिले में

12 कोरिया जिले में

11 कबीरधाम जिले में

06 जशपुर जिले में

05 दंतेवाड़ा जिले में

04 बस्तर जिले में

04 बलरामपुर जिले में

02 गरियाबंद जिले में

02 मुंगेली जिले में

01 बीजापुर जिले में

01 सुकमा जिले में

01 कोण्डागांव जिले में

 

 

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