6 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि : शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि, महत्व और अखंड ज्‍योति के नियम

Edited By: Dhanesh Diwakar

6 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि (Navaratri) शुरू हो रहे हैं, जो कि 14 अप्रैल तक चलेंगे. साल में सबसे पहले आने वाले इस नवरात्रि (Chaitra Navratri) के साथसाथ हिंदू नव वर्ष (Hindu Nav Varsh) भी मनाया जाता है. इसे महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा (इसे मराठी नव वर्ष (Marathi New Year) के तौर पर भी जाना जाता है) कहा जाता है. कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में इस पर्व को उगादि (Ugadi) के रूप में मनाया जाता है. हिन्‍दू कैलेंडर के अनुसार हर साल चैत्र (Chaitra) महीने के पहले दिन से ही नव वर्ष की शुरुआत हो जाती है. साथ ही इसी दिन से चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navaratri 2019) भी शुरू हो जाते हैं. नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा (Durga) के सभी नौ रूपों की पूजा की जाती है. साल में दो बार नवरात्र‍ि (Navratri) पड़ती हैं, जिन्‍हें चैत्र नवरात्र (Chaitra Navaratri) और शारदीय नवरात्र (Sharad Navaratri) के नाम से जाना जाता है..

चैत्र नवरात्रि का शुभ मुहूर्त

इस बार कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 4 घंटे 7 मिनट तक चलेगा.

सुबह – 06:19 से 10:26 तक

नवरात्रि की पूजाविधि

  • सबसे पहले सुबह नहाधोकर मंदिर के पास ही पटले पर आसन बिछाएं और मां दुर्गा की मूर्ति की स्थापना करें.
  • माता को चुनरी उढ़ाएं और शुभ मुहूर्त के अनुसार कलश स्थापना करें.
  • सबसे पहले भगवान गणेश का नाम लें और माता की पूजा आरंभ करें.
  • नवरात्रि ज्योति प्रज्वलित करें इससे घर और परिवार में शांति आती है और नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है.
  • माता को लैंग, पताशा, हरी इलायची और पान का भोग लगाएं.
  • भोग लगाने के बाद माता की 9 बार आरती करें.
  • हर मां का नाम स्मरण करते रहें.
  • अब व्रत का संकल्प लें.

 

 

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