Edited By: Dhanesh Diwakar
मौसम विभाग ने 2010 से अब तक मध्य भारत के लिए मानसून की बारिश का जो पूर्वानुमान जारी किया है, वह छत्तीसगढ़ में 67 फीसदी सफल रहा है। 10 में करीब सात बार छत्तीसगढ़ में उतनी ही बारिश हुई है, जितना पूर्वानुमान जारी किया गया था। इस साल भारत में 96 फीसदी बारिश का पूर्वानुमान किया गया है। इसके आधार पर विशेषज्ञों का आंकलन है कि इस साल जून के सितंबर के बीच मानसून सीजन में प्रदेश में 1050 से 1100 मिलीमीटर के बीच बारिश हो सकती है। इतना पानी यहां खेती और भूजल स्तर के लिए पर्याप्त है।
राजधानी सहित राज्यभर में पिछले करीब एक पखवाड़े से भीषण गर्मी पड़ रही है। तापमान लगातार 43 डिग्री या उससे ऊपर है। यह संकेत है कि आने वाले दिनों में बारिश अच्छी रहेगी। छत्तीसगढ़ में सामान्य प्रचलन है कि भीषण गर्मी का मानसून पर सकारात्मक असर होता है। मौसम विभाग के विभिन्न मॉडलों के आधार पर मानसून की बारिश का पूर्वानुमान लगभग सही होता है। जारी किया गया पूर्वानुमान पांच प्रतिशत फोरकास्ट एरर के साथ होता है। यानी जितनी बारिश का पूर्वानुमान किया गया है उसमें पांच प्रतिशत कम या ज्यादा बारिश हो सकती है।
राज्य में 91 से 96 प्रतिशत बारिश हो सकती है
इसी आधार पर मानसून के पूर्वानुमान का छत्तीसगढ़ में हुई बारिश पर अध्ययन किया गया तो यह 67 फीसदी सही रहा है। 2018 में मध्य भारत में 93 फीसदी बारिश का पूर्वानुमान जारी किया गया था। छत्तीसगढ़ में 96 फीसदी बारिश हुई। इसी तरह 2017 में 94 फीसदी बारिश का पूर्वानुमान किया गया था तब 90 फीसदी बारिश हुई थी। 2016 में पूर्वानुमान गलत रहा है। मौसम विभाग ने तब 92 फीसदी वर्षा की भविष्यवाणी की थी। इस साल छत्तीसगढ़ में 102 प्रतिशत यानी दो फीसदी ज्यादा बारिश हो गई थी। इसी तरह 2018 से 2010 के 9 वर्षों में पूर्वानुमान और छत्तीसगढ़ की वास्तविक बारिश के अध्ययन से पता चलता है कि 10 में से करीब सात बारिश छत्तीसगढ़ में अनुमान के मुताबिक ही बारिश हुई है। इसी आधार पर 2019 में जून से सितंबर के बीच राज्य में 91 से 96 प्रतिशत बारिश हो सकती है।
भौगोलिक स्थिति है मददगार
मानसून के लिहाज से छत्तीसगढ़ की भौगोलिक स्थिति अच्छी है। राज्य में बंगाल की खाड़ी और अरब से आने वालोे हवा को प्रभाव रहता है। खाली में बनने वाले चक्रवात की वजह से लगातार नमी आती है और बारिश होती है। दक्षिण-पश्चिम मानसून के अलावा केरल, आंध्रप्रदेश में उत्तर-पूर्व मानसून से होेने वाली बारिश का भी प्रभाव राज्य में रहता है। इसलिए छत्तीसगढ़ में जून से सितंबर के दौरान लगभग औसत बारिस हो ही जाती है। बहुत ही कम ऐसी स्थिति बनती है जब पूरे राज्य में सूखे की नौबत आए।
पिछले 9 साल में हुई बारिश का रिकार्ड
साल | पूर्वानुमान | वर्षा |
2018 | 93 | 96 |
2017 | 94 | 90 |
2016 | 92 | 102 |
2015 | 85 | 88 |
2014 | 95 | 96 |
2013 | 106 | 102 |
2012 | 93 | 107 |
2011 | 102 | 106 |
2010 | 98 | 96 |
भीषण गर्मी जारी, पर नमी थोड़ी बढ़ने से आज बादल-वर्षा संभव
राजधानी समेत प्रदेश के मैदानी इलाकों में सोमवार को भी भीषण गर्मी जारी रही। सभी जगह तापमान 43 से 45 डिग्री के बीच चल रहा है। राजधानी में दोपहर के बाद बादल आए, लेकिन ये भी गर्मी से राहत नहीं दे सके और तापमान 43.5 डिग्री पर पहुंच गया। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार तेज गर्मी की वजह से स्थानीय असर से मंगलवार को कुछ जगह दोपहर के बाद हल्के बादल आ सकते हैं। इसके असर से राजधानी समेत कई जगह शाम को घने बादल और कहीं-कहीं बौछारें पड़ने के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को भी राजधानी में आकाश साफ रहेगा और दोपहर का तापमान 44 डिग्री के अासपास रह सकता है।