केन्द्र सरकार के आठ महीने पहले बैंक विलय के फैसले का आज (बुधवार) से लागू हो जाएंगे। इसी कड़ी में प्रदेश की पहचान बनी इलाहाबाद बैंक का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। यह अब इंडियन बैंक के नाम से पहचानी जाएगी। इसी के साथ पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में भी अन्य बैंकों का विलय हो गया।
इलाहाबाद बैंक की विलय की लगभग सारी प्रक्रियाओं को पूरा कर लिया गया है। इलाहाबाद आफीसर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष रामनाथ शुक्ला ने बताया कि एक अप्रैल से इलाहाबाद बैंक का विलय इंडियन बैंक में होना तय है। बैंक की ज्यादातर शाखाओं में अब इंडियन बैंक का लोगो और लेजर का इस्तेमाल किया जा रहा है।
वहीं, पंजाब नेशनल बैंक में ओरियंटल बैंक आफ कामर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक में सिंडीकेट बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया बैंक में आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का विलय प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई। विलय के बाद पंजाब नेशनल बैंक अब अपनी 17.94 लाख करोड़ रुपये की रकम के साथ भारत में दूसरे नम्बर की बैंक बन गई है।
क्यों हुआ बैंकों का विलय
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि इससे पहले तीन बैंकों के विलय से फायदा हुआ, रिटेल लोन ग्रोथ में 25 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। 50 साल पहले जुलाई 1969 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 14 निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था।