16 साल बाद लौटा बैलट पेपर, बड़े-बुजुर्गों ने नई पीढ़ी को दिया जागरूकता का संदेश

                रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद पहली बार बैलेट पेपर से मतदान हो रहे हैं। नगरीय निकाय चुनाव में इस बार बैलेट पैपेर करीब 16 साल बाद वापस चुनाव प्रक्रिया में लौट कर आया है। बैलेट पेपर से मतदान करना एक पुरानी बात हो गई थी। पूरी एक पीढ़ी नई आने के बाद यह व्यवस्था इस बार फिर चुनाव प्रक्रिया में अपनाई गई है। बैलेट पेपर से वोट डालने को लेकर बहुत से बुजुर्ग मतदाताओं में काफी उत्साह दिखा। उन्हें मतदान के पुराने दिन याद आ गए। बुजुर्गों ने बैलेट पेपर से मतदान के बाद मतदान की उनकी पुरानी यादों को अपने बच्चों के साथ साझा किया।

कुछ बुजुर्गों ने यह कहा कि बैलेट से मतदान की प्रक्रिया उन्हें पुरानी यादों से जोड़ती है। इसके साथ ही उनके लिए यह एक सहज प्रक्रिया भी है। पूरे उत्साह के साथ मतदान केंद्रों में पहुंचे बुजुर्गों ने नई पीढ़ी को मतदान के लिए जागरूक रहने का बड़ा संदेश भी अपनी प्रभावी उपस्थिति के साथ दिया।

मतदान केंद्र में कई बुजुर्ग व्हील चेयर में वोट डालने के लिए आए थे। इससे पता चलता है कि उनके अंदर एक नागरिक होने का आत्मसम्मान कितना मजबूत है और वे अपने अमूल्य वोट की कितनी अहमियत समझते हैं। निर्वाचन आयोग ने राज्य के सभी मतदान केंद्रों में बुजुर्ग मतदाताओं की सुविधा के लिए विशेष व्वस्थाओं के निर्देश दिए हैं।वोट डालकर मतदान केंद्र से बाहर निकलते हुए उन्होंने बताया कि करीब 16 साल बाद बैलट पेपर से मतदान किया। पुराने दिन याद आ गए। इसके जरिए वोट देने से अधिक तसल्ली मिलती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *