कोरोनावायरस से सतर्क रहें, घबराएं नहीं…बचाव के लिए दिन में कई बार साबुन से हाथ धोएं, छींकने-खांसने वालों से 3 फीट दूर रहें

  • खांसी या बुखार से परेशान हैं तो किसी के संपर्क में न आएं, सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से बचें
  • बुखार आ रहा हो या कमजोरी महसूस हो रही हो तो यात्रा से बचें, भीड़ वाले स्थानों पर भी न जाएं

 

नई दिल्ली/बीजिंग/न्यूयॉर्क.

दुनिया के 81 से ज्यादा देश कोरोनावायरस की चपेट में हैं। दुनिया भर के वैज्ञानिक इसके इलाज की दवा खोजने में लगे है, लेकिन अभी तक कोई कारगर खोज नहीं हो सकी है। चीन के डॉक्टर इस बीमारी से ठीक हो चुके लोगों के प्लाजमा का इस्तेमाल अन्य मरीजों के उपचार में कर रहे हैं। हालांकि इस बीमारी के लक्षण और बचने के तरीकों के बारे में दुनिया प्रचार-प्रसार में जुटी है, ताकि लोग इसकी चपेट में आने से बच सकें। कोरोनावायरस से बचने के लिए आम नागरिक क्या उपाय अख्तियार कर सकते हैं? वॉशिंगटन स्टेट के हेल्थ सेक्रेटरी डॉ. जॉन वाइजमैन कहते हैं कि यदि किसी को जुकाम और फ्लू है तो कम से कम साबुन से 20 सेकंड तक हाथ को धुलना चाहिए। 

सवाल-जवाब से समझें कोरोनावायरस क्या है, इससे कैसे बचें…

संक्रमण और बचाव से जुड़े सवालों के जवाब जानने के लिए भास्कर ने मुंबई के जसलोक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के हेड और इंफेक्शियस डिसीज एक्सपर्ट डॉ. ओम श्रीवास्तव से बात की और दुनियाभर के चुनिंदा रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट को शामिल किया। जानिए इससे जुड़े सवालों के जवाब।

Q- क्या है कोरोनावायरस और कैसे संक्रमित करता है?

  • अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, कोरोनावायरस खास किस्म के वायरस का समूह है, जो विशेषतौर पर जानवरों में पाया जाता है। इसे वैज्ञानिक ‘जूनोटिक’ कहते हैं, जिसका मतलब है दुर्लभ स्थिति में यह जानवरों से निकलकर इंसानों को संक्रमित कर सकता है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, यह सार्स वायरस जितना खतरनाक है। चीन-हॉन्गकॉन्ग में 2002 में सार्स के संक्रमण से 8 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हुए थे जबकि 1,425 की मौत हो गई थी।
  • कोरोनावायरस अब तक खोजे गए 6 सबसे खतरनाक वायरस में से एक है। कोरोनावायरस नए किस्म का वायरस है, जो इंसानों को संक्रमित करता है लेकिन उन्हें पता नहीं चल पाता।
  • नॉटिंघम यूनिवर्सिटी के वायरोलॉजिस्ट जोनाथन बॉल के मुताबिक, बहुत हद तक संभव है कि यह पशुओं से ही इंसानों तक पहुंचा हो। चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन ने इससे पहले कहा था कि इसे कंट्रोल किया जा सकता है पर अब यह मुश्किल लग रहा है।

Q- कैसे समझें वायरस का संक्रमण हुआ है?

इसके लक्षण आमतौर पर सर्दी-जुकाम जैसे दिखते हैं। कफ, गले में सूजन, सिरदर्द, कई दिनों तक तेज बुखार और सांस लेने में दिक्कत हो तो यह कोरोनावायरस के संक्रमण के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में सतर्क होने की जरूरत है। विशेषज्ञ से सलाह लें।

Q- कैसे फैलता है यह वायरस ?

जानवरों के संपर्क में आने वाले इंसानों को यह वायरस संक्रमित करता है। सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, यह जुकाम, छींक और हाथ मिलाने से भी फैल सकता है। इसके अलावा संक्रमित मरीज के संपर्क में आने पर इसका खतरा ज्यादा रहता है। 2011 में हुई रिसर्च के मुताबिक, कुत्ते और बिल्ली में कोरोनावायरस का संक्रमण आसानी से होता है। ये जानवर इंसानों के आसपास होने के कारण वायरस फैलने का खतरा रहता है।

 

Q – संक्रमण होने पर क्या करें?

अब तक कोरोनावायरस का कोई इलाज नहीं खोजा जा सका है। ज्यादातर मामलों में लक्षण समझते-समझते काफी देर हो जाती है। फिलहाल ऐसे मामलों में दर्द और बुखार की दवाएं दी जाती हैं। सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, गुनगुने पानी से स्नान गले में सूजन और जुकाम में राहत देता है। संक्रमण होने पर ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ और पानी लें। नींद भरपूर लें।

Q- कितना खतरनाक है गर्भवती महिलाओं के लिए कोरोना?

  • गर्भवती महिलाओं के लिए मेर्स और सार्स भी खतरनाक हैं। 2014 में हुई रिसर्च के मुताबिक, गर्भवती महिलाओं में मेर्स और सार्स का संक्रमण होने पर बच्चे की मौत होने का खतरा रहता है।

Q- सार्स और कोरोनावायरस में अंतर क्या है?

  • आमतौर पर वायरस कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले इंसानों को संक्रमित करते हैं। इनमें खासतौर पर बच्चे और बुजुर्ग शामिल होते हैं। वायरस का संक्रमण निमोनिया, ब्रॉन्काइटिस की तरह सांस में नली में सूजन के रूप में दिखता है।
  • कुछ चुनिंदा कोरोनावायरस ऐसे हैं जो इंसानों के लिए काफी खतरनाक माने जाते हैं। जैसे मिडिल ईस्ट रेस्पिरेट्री सिंड्रोम (MERS) का कारण बनने वाला मेर्स वायरस। और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री वायरस (सार्स)। इसलिए आसान भाषा में कहें तो सार्स भी एक तरह का कारोनावायरस है लेकिन नया वायरस थोड़ा ज्यादा खतरनाक है।
  • डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, पहली बार सार्स को चीन के गुआंगडोग प्रांत में खोजा गया था। यह सबसे पहले सांस की नली को प्रभावित करता है। जिसके कारण मरीज को सांस लेने में तकलीफ, थकान, डायरिया और गंभीर स्थिति किडनी फेल होने की स्थिति भी बन सकती है। गंभीर स्थिति का आधार मरीज की उम्र होता है यानी जितनी ज्यादा उम्र उतना ज्यादा मौत का खतरा।

 

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