कार्टून कैरेक्टर से होगी सौ स्कूलों में अार्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई

राज्य में कार्टून कैरेक्टर के जरिए बच्चों को विज्ञान, तकनीकी और देश-दुनिया का पाठ पढ़ाया जाएगा। देश-विदेश में होने वाले वैज्ञानिक आविष्कारों जैसे नैनो टेक्नोलॉजी, 5जी, 6जी और 7जी के साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के संबंध में कार्टून कैरेक्टर के माध्यम से जानकारी दी जाएगी।बच्चों को बताएंगे कि किस तरह वाइस कमांड पर गूगल किसी का नंबर डायल करता है, या यू-ट्यूब पर वीडियो दिखाता है। इसके लिए राज्य के दस जिलों के 100 स्कूलों को एक-एक टैबलेट दिया जाएगा। शुरुअात महासमुंद से हुई है। राजनांदगांव, कोरबा, बस्तर, सुकमा, नारायणपुर, कोंडागांव, कांकेर, बीजापुर और दंतेवाड़ा में इसे लांच किया जा रहा है। इसके बाद रायपुर और बिलासपुर में योजना लागू होगी।

अफसरों के मुताबिक दुनिया में रोजाना कुछ न कुछ आविष्कार हो रहे हैं और इन आविष्कारों के संबंध में जब तक जानकारी उपलब्ध करवाई जाती है, तब तक नई तकनीक आ जाती है। ऐसे में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 6वीं से 8वीं क्लास के बच्चों को आने वाली तकनीक से परिचित कराने के लिए यह प्रोजेक्ट तैयार किया है। उद्देश्य यह है कि बच्चों को 2030 के वैज्ञानिक तकनीकों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाए। साथ ही उनमें विज्ञान के प्रति झुकाव पैदा हो। खास बात यह है कि इस टैबलेट को चलाने के लिए इंटरनेट की जरूरत नहीं है।

टैबलेट में ऑडियो-वीडियो के साथ ही लगभग 5 हजार प्रश्नोत्तरी को शामिल किया गया है। इसमें 10 वीडियो हैं। एक वीडियो में उड़ने वाली गाड़ी का जिक्र है। दूसरे वीडियो में एक चिप्स की जानकारी है जिससे किसी जीव जंतु के दिमाग को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा बर्फबारी वाले स्थानों और बर्फीली जगह में रखने वाले जीव जंतु और पर्यावरण की जानकारी है। साथ ही पर्यावरण को लेकर फ्यूचर की चुनौती की भी जानकारी है। इस गैजेट में तकनीक से संबंधित कहानियां एक कार्टून पात्र टीना के माध्यम से समझाया गया है।

एक तरफ केंद्र सरकार फ्यूचर जनरेशन को तैयार करने में जुटी है तो दूसरी तरफ राज्य सरकार प्रौद्योगिकी लाने और इस तरह के उपकरणों का राज्य में ही उत्पादन करने की प्लानिंग पर काम कर रही है। राज्य सरकार ने भी अपनी नई उद्योग नीति में भी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर जोर दिया है और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित उद्योगों को लगाने को प्राथमिकता में रखा है। बताया जा रहा है कि स्कूलों के लिए इस तरह के टैबलेट राज्य में ही बनाने की प्लानिंग है। हालांकि, राज्य के स्कूलों में स्मार्ट क्लास रूम और डिजिटल पढ़ाई के लिए पहले ही पहल की जा चुकी है।

 

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