- पीडब्ल्यूडी मंत्री तामृध्वज साहू ने सदन में की घोषणा, लापरवाही बरतने पर गिरी गाज
- 138 पेज की जांच रिपोर्ट : एक्सप्रेस-वे के निर्माण में जल्दबाजी की वजह से हुईं गड़बड़ियां
रायपुर.
रायपुर में बनाए गए एक्सप्रेस-वे में गड़बड़ियों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है। लापरवाही बरतने के चलते उप महाप्रबंधक सतीश कुमार जाधव सहित 6 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री ताम्रध्वज साहू ने बुधवार को विधानसभा में बजट सत्र के दौरान सदन में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि दोषी अधिकारी भविष्य में भी बख्शे नहीं जाएंगे। एक्सप्रेस-वे की मरम्मत का काम लगातार जारी है। शहर में 350 करोड़ रुपए खर्च कर एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया गया था।
विधानसभा में छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस विधायक धर्मजीत सिंह ने उठाया। उन्होंने सवाल किया कि एक्सप्रेस-वे निर्माण में अनियमितता की जांच किस स्तर के अधिकारी और समिति से कराई गई। जांच में किन-किन को दोषी पाया गया और उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई। इसके बाद उन्होंने निर्माण कार्य में शामिल 6 अधिकारियों के निलंबन की सदन में मांग रखी। जिसके जवाब में पीडब्ल्यूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू ने अधिकारियों के निलंबन के साथ ही कंसल्टेंट कंपनी से 1.18 करोड़ रुपए की वसूली का नोटिस जारी करने की घोषणा की।
इन अधिकारियों पर गिरी है निलंबन की गाज
- सतीश कुमार जाधव, उप महाप्रबंधक
- एससी आर्य, परियोजना प्रबंधक
- निशेष भट्ट, उप परियोजना प्रबंधक
- जातिंद्र सिंह उप परियोजना प्रबंधक
- फरहाज फारूखी, सहायक परियोजना प्रबंधक
- विवेक सिन्हा, सहायक परियोजना प्रबंधक
सभी फ्लाईओवर के निर्माण कार्यों में क्वॉलिटी की अनदेखी हुई
दरअसल, एक्सप्रेस-वे के जगह-जगह से उखड़ने के बाद इसकी जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी ने अपनी 138 पेज की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे किए। रिपोर्ट में बताया गया कि एक्सप्रेस-वे के फाफाडीह, देवेंद्र नगर, पंडरी, शंकरनगर, तेलीबांधा फ्लाईओवर पर बनी सड़कों को पूरी तरह उखाड़कर फिर से बनाना होगा। इनकी लंबाई करीब 3 किमी है। रिपोर्ट में कहा गया कि सड़क निर्माण कार्य में तेजी के चलते उसकी क्वॉलिटी की पूरी तरह से अनदेखी की गई। सड़क बनाने के लिए तैयार किया जाने वाला बेस ही कमजोर पाया गया।
सड़कों के धंसने से सभी फ्लाईओवर की रीटेनिंग वॉल एक तरह झुक रही है। दीवारों के झुकने से पुलों की रेलिंग बेंड हो गई है। सलाहकार कंपनी निर्माण कार्य को लेकर एनओसी देती रही और फिर 3 करोड़ का भुगतान लेकर चली गई। रिपोर्ट में मुख्य तकनीकी परीक्षक (सीटीआई) और एनआईटी की साझा जांच का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि स्टेशन से तेलीबांधा के बीच 12 किमी एक्सप्रेस-वे के सभी 5 फ्लाईओवर में घटिया निर्माण हुआ है। ये इतना घटिया है कि इसकी मरम्मत नहीं हो सकती है।
इससे पहले पीडब्ल्यूडी ओएसडी को हटाया गया था
प्रदेश के चर्चित फ्लाईओवर घोटाले की आंच जनवरी में अधिकारियों तक पहुंचना शुरू हो गई थी। भूपेश सरकार ने इस मामले में डेपुटेशन पर पीडब्लूडी में ओएसडी के तौर पर पदस्थ आईएफएस अनिल राय को हटा दिया था। इससे 24 घंटे पहले ही उन्हें राज्य सड़क विकास निगम के एमडी पद से भी हटाया गया था। राय के कार्यकाल में ही रायपुर में बेहद चर्चित नैरोगेज एक्सप्रेस-वे का काम शुरू हुआ था। सरकार बदलने के बाद उद्घाटन के बिना एक्सप्रेस-वे का इस्तेमाल शुरू हुआ और पहली बारिश में ही एक फ्लाईओवर की सड़क धंसने से एक कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी।