- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- हमारे नौजवानों ने भाजपा के सूरमाओं को पछाड़ दिया
- पूर्व सीएम रमन सिंह का दावा- आधे से अधिक निकायाें में होगा भाजपा का महापौर व अध्यक्ष
रायपुर.
छत्तीसगढ़ में हुए नगरीय निकाय चुनाव मंें कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया है। प्रदेश के ज्यादातर वार्डों में कांग्रेस प्रत्याशियों ने अपनी जीत दर्ज की है। वहीं कई निगमों और पालिका में प्रदेश गठन के बाद पहली बार कांग्रेस का कब्जा होगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हमारे नौजवानों ने भाजपा के सूरमाओं को पछाड़ दिया है। इसके साथ ही निगमों में मेयर और पालिका व परिषदों में अध्यक्ष बनाने की कवायद तेज हो गई है। पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने सभी 10 नगर निगमों में कांग्रेस का महापौर होेगा। जहां संख्या कम है, वहां निर्दलीय हमारे साथ हैं।
सरकार के एक साल के कामकाज पर जनता ने लगाई मुहर
दरअसल, नगरीय निकाय के नतीजे आने के बाद बुधवार को कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ मीडिया से बात कर रहे थे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मरकाम ने कहा कि निकाय चुनाव में 2840 वार्डों में अधिकतम में हमारे प्रत्याशी चुनाव जीते हैं। ये सरकार का एक साल का कामकाज था, जिस पर जनता ने मुहर लगा दी है। कहा जाता है कि शहरी क्षेत्र में भाजपा का दबदबा होता है, लेकिन 10 के 10 निगमों में कांग्रेस का महापौर बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिन निगमों में कांग्रेस पार्षदों की संख्या कम है, वहां भी निर्दलीय उनके साथ हैं।
सर्वसम्मति से तय होगा मेयर और अध्यक्ष पद के लिए नाम
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि यह कांग्रेस के समन्वित रूप से प्रयास की जीत है। रायपुर में हम हैट्रिक करने जा रहे हैं। तीसरी बार यहां के निगम में कांग्रेस का कब्जा होगा। दुर्ग में पिछले 20 सालों से हम बाहर थे, सबसे बड़ी जीत दुर्ग में हमें मिली है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मेहनत, सरकार के कामकाज पर जनता ने भरोसा जताया। एक में भी भाजपा को बहुमत नहीं मिलना, इतिहास में पहली बार होगा। यह बड़ी सफलता है। हमारे नौजवानों ने भाजपा के बड़े-बड़े सूरमाओं को पछाड़ा है। अब सर्वसम्मति से निगमों, पालिकाओं व पंचायतों के लिए मेयर व अध्यक्ष का नाम तय होगा।
बैलेट पेपर से निकाय चुनाव कराने की कांग्रेस की साजिश सफल रही
वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बैलेट पेपर को कांग्रेस की साजिश बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बैलेट पेपर से चुनाव कराकर कांग्रेस सरकार अपनी साजिश में सफल रही। उन्होंने आरोप लगाया कि मतगणना अधिकारी और कर्मचारियों पर राज्य सरकार का दबाव था। बैलेट पेपर से चुनाव सरकार अपने फायदे के लिए ही कराना चाहती थी। कई जगह गड़बड़ियों की आशंका है। उन्होंने कहा कि जीतकर आए भाजपा के बागी और निर्दलीय पार्षदों से चर्चाओं का दौर जारी है। उन्होंने दावा किया कि आधे से अधिक निकायों भाजपा के महापौर और अध्यक्ष चुने जाएंगे।