- प्रदेश के 725 स्कूलों में कम्प्यूटर लैब और 1874 विद्यालयों में ई-क्लास रूम
- प्रथम चरण के सात जिलों के 1307 विद्यालयों के 10 हजार 500 शिक्षकों को भी प्रशिक्षण
रायपुर
प्रदेश में पहली बार प्रदेश के चार हजार 330 हायर सेकेण्डरी और हाई स्कूल स्कूलों में सूचना प्रौद्योगिकी आधारित ’ई-क्लास’ रूम और लैब की स्थापना की जा रही है। प्रदेश के इन स्कूलों में आधुनिक तकनीकी से उच्च गुणवत्ता पूर्ण पाठ्यक्रम आधारित शिक्षा देने का इंतजाम किया जा रहा हैै। सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से इन स्कूलों में शिक्षा अब ’ब्लैक-बोर्ड से की-बोर्ड’ की ओर अग्रसर हो रही है। अब तक 12 जिलों के 725 विद्यालयों में कम्प्यूटर लैब और 16 जिलों के 1874 स्कूलों में डिजिटल क्लास रूम की स्थापना का कार्य भी पूर्ण हो चुका है। इनमें प्रत्येक विद्यालय में एक समन्वयक निविदाकार संस्था द्वारा रखा गया है।
स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ के शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल और हाई स्कूल के बच्चे अब स्मार्ट क्लास के माध्यम से पढ़ाई करेंगे। आईसीटी योजना अंतर्गत जिन 12 जिलों में कम्प्यूटर लैब की स्थापना का कार्य पूर्ण हो चुका है उनमें बालोद, बेमेतरा, धमतरी, दुर्ग, महासमुंद, रायपुर, राजनांदगांव, बलौदाबाजार, कांकेर, जांजगीर-चांपा, दंतेवाड़ा, सूरजपुर शामिल है। प्रथम चरण के सात जिलों के 1307 विद्यालयों के 10 हजार 500 शिक्षकों को भी प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। द्वितीय चरण में 9 जिलों बलरामपुर, बलौदाबाजार, कांकेर, कोरिया, जांजगीर-चांपा, दंतेवाड़ा, सूरजपुर, कवर्धा और गरियाबंद के 1292 विद्यालयों में हार्ड वेयर की स्थापना की जा चुकी है। शेष जिलों में हार्ड वेयर स्थापना का कार्य प्रक्रियाधीन है। सभी जिलों की मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है।
अधिकारियों ने बताया कि आईसीटी लैब में नई तकनीक अनुकूलित शिक्षण मंच ¼adaptive learning platform)और लर्निंग मेनेजमेंट सिस्टम का उपयोग किया जाएगा। पाठ्य सामग्री बिना इंटरनेट के भी आफलाईन उपयोग की जा सकेगी। इसका प्रयोग कक्षा में विषय शिक्षक के नहीं आने पर भी किया जा सकेगा। आधुनिक तकनीक से दी जाने वाली इस शिक्षा में कक्षावार और विषयवार मल्टी मीडिया पाठ्य सामग्री तैयार की गई है। इसमें बच्चों के पढ़ाई के स्तर के आकलन के लिए प्रश्न बैंक भी हैं। स्कूलों में आधुनिक तकनीक से पढ़ाई जाने वाली गतिविधियों की मॉनिटरिंग राज्य स्तर पर ऑनलाइन सर्वर में की जाएगी।