- रायपुर नगर निगम के 70 सीटों के सदन में कांग्रेस को चाहिए दो पार्षदों का समर्थन, 34 वार्डों में मिली है जीत
- मेयर के लिए ज्ञानेश शर्मा, एजाज ढेबर और प्रमोद दुबे के नाम सबसे आगे, कांग्रेस पार्षदों के साथ बैठक में लिया हिस्सा
रायपुर.
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के गढ़ राजनांदगांव के नगर निगम में सेंध लगाने के बाद अब राजधानी रायपुर में भी कांग्रेस का मेयर बनना तय हो गया है। शहर के 7 वार्डों से चुने गए निर्दलीय पार्षदों में से 6 ने अपना समर्थन कांग्रेस काे दे दिया है। इसको लेकर निर्दलीय पार्षदों की शनिवार सुबह से ही वीआईपी रोड स्थित एक होटल में बैठक चल रही थी। इन पार्षदों को शहर पश्चिम विधायक विकास उपाध्याय और महापौर पद की दावेदारी कर रहे एजाज ढेबर लेकर मुख्यमंत्री आवास लेकर पहुंचे थे। बैठक के बाद निर्दलीय पार्षदों ने समर्थन की घोषणा की है।
निर्दलीय बाेले- हम कांग्रेस के साथ, लेकिन मेयर उम्मीदवार अभी तय नहीं
दरअसल, रायपुर नगर निगम में 70 वार्ड हैं। शहर की सरकार बनाने के लिए एक तिहाई यानी कि 36 सीटों पर बहुमत चाहिए। भाजपा ने 29 वार्डों, जबकि कांग्रेस ने 34 वार्डों में जीत दर्ज की है और वह बहुमत से महज दो कदम ही पीछे है। ऐसे में निर्दलीय पार्षदों के साथ आने के बाद कांग्रेस निगम में बहुमत के आंकड़े से 4 सीट आगे निकल गई है। हालांकि मेयर उम्मीदवार को लेकर अभी कश्मकश बना हुआ है। कांग्रेस की ओर से अभी तक प्रमोद दुबे और एजाज ढेबर ही प्रत्याशी माने जा रहे थे, लेकिन इस बीच ज्ञानेश शर्मा का नाम तेजी से आगे आया है।
सीएम हाऊस में कांग्रेस के पार्षद भी पहुंच गए और मुख्यमंत्री उनके साथ-साथ ही निर्दलीय को लेकर बैठक की। वहां से बाहर निकलने के बाद निर्दलीय पार्षदों ने स्पष्ट कर दिया कि वे कांग्रेस के साथ हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री निवास में हुई बैठक में शामिल होने पहुंचे कांग्रेस नेताओं का वहां सुरक्षाकर्मियों से विवाद हो गया। कांग्रेस पार्षदों के साथ वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा, जिला कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश दुबे सहित अन्य नेता भी मौजूद थे। सुरक्षाकर्मी वहां मौजूद नेताओं को हटाने लगे, जिसके चलते यह विवाद हुआ। सुरक्षाकर्मियों के व्यवहार पर कांग्रेस नेताओं ने नाराजगी जाहिर की है।