डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा की रचना छत्तीसगढ़ी गीत अरपा पइरी के धार, महानदी हे अपार… छत्तीसगढ़ राजपत्र में अधिसूचना के प्रकाशन के साथ ही राज्यगीत प्रभावशील हो गया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों के अध्यक्ष, राजस्व मण्डल, विभागाध्यक्ष, संभागायुक्त और जिला कलेक्टर को पत्र जारी कर सभी शासकीय कार्यक्रमों के प्रारम्भ में इसे गाने का निर्देश जारी किया है।
बता दें कि डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा द्वारा लिखित छत्तीसगढ़ी गीत जिसको सरकार ने राज्य गीत घोषित किया है।
‘‘अरपा पइरी के धार महानदी हे अपार,
इन्द्राबती ह पखारय तोर पइँँया ।
महूँ पाँव परँव तोर भुइँया,
जय हो जय हो छत्तिसगढ़ मइया ।।
सोहय बिन्दिया सही घाते डोंगरी, पहार
चन्दा सुरूज बने तोर नयना,
सोनहा धाने के संग, लुगरा के हरिहर रंग
तोर बोली जइसे सुघर मइना।
अँचरा तोरे डोलावय पुरवइया ।।
( महूँ पाँव परँव तोर भुइँया, जय हो जय हो छत्तिसगढ़ मइया ।। )
रइगढ़ हाबय सुघर तोरे मँउरे मुकुट
सरगुजा (अऊ) बेलासपुर हे बहियाँ,
रइपुर कनिहा सही घाते सुग्घर फभय
दुरूग, बस्तर सोहय पयजनियाँ,
नाँदगाँवे नवा करधनियाँ
( महूँ पाँव परँव तोर भुइँया, जय हो जय हो छत्तिसगढ़ मइया ।। )