खारुन में गिरने से पहले एसटीपी में साफ होगा नाले का गंदा पानी, इससे सुधरेगी रैंकिंग

भारतीय मानक ब्यूरो और डब्ल्यूएचओ की टीम पिछले महीने राजधानी के 10 अलग-अलग जगहों से पानी का सैंपल लेकर गई। सैंपल कहां-कहां से कलेक्ट किए गए, इसकी जानकारी नहीं दी गई। लेकिन सभी सैपल निगम की टंकी से सप्लाई होने वाले पानी के ही लिए गए।
पानी में मिट्‌टी, धातु और क्लोरिन की मात्रा की जांच की गई। दस सैंपलों में 5 ही पास हुए। बाकी पांच सैंपल फेल हो गए। किसी में धातु तो किसी में क्लोरिन की मात्रा निर्धारित मापदंडों के मुताबिक नहीं मिली। इस वजह से इन्हें फेल किया गया। विशेषज्ञों का मानना है खारुन में गंदे नाले का पानी जिस दिन से साफ होकर गिरना शुरू होगा, पानी की रैकिंग में और सुधार होगा। राजधानी में पानी की सप्लाई का सिस्टम भाठागा‌ंव में लगा है। यहां के फिल्टर प्लांट की क्षमता 275 मिलियन लीटर है। रोजाना इतना ही पानी साफ कर इसे निगम की टंकियों में सप्लाई किया जाता है।

निगम अफसरों के अनुसार सर्दी के मौसम में पानी की खपत कम होती है। अभी 210 से 240 एमएलडी पानी की खपत हो रही है और उतना फिल्टर किया जा रहा है। इसके अलावा अतिरिक्त सप्लाई के लिए 80 एमएलडी का नया प्लांट तैयार किया जा रहा है। इससे प्लांट की क्षमता बढ़कर 355 एमएलडी हो जाएगी। अफसरों का कहना है कि क्षमता बढ़ने और प्लांट में नए उपकरण लगने के बाद पानी साफ करने की प्रक्रिया और अच्छी हो जाएगी। इससे निगम का पानी पहले से अधिक साफ होगा।

17 नालों का पानी गिर रहा खारुन में
खारुन नदी में अभी 17 नालों का पानी गिर रहा है। करीब साढ़े तीन सौ करोड़ की लागत से तीन जगहों पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जा रहा है। ये प्लांट नालों के पानी को नदी में गिरने से पहले साफ करेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि प्लांट लगने के बाद खारुन का पानी साफ होगा। इससे रायपुर शहर को पानी दो स्तरों पर साफ होकर मिलेगा। इससे नदी का पानी पहले से अधिक साफ होगा और दूसरी बार निगम के फिल्टर प्लांट में पानी साफ होगा।

इसके तहत 200 एमएलडी क्षमता के तीन सीवरेज ट्रीटमेंट बनाए जा रहे हैं। चंदनडीह में 75 एमएलडी क्षमता का प्लांट लगाया जा रहा है। इसके अलावा कारा में 35 एमएलडी और निमोरा में 90 एमएलडी क्षमता के प्लांट होंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और नगरीय प्रशासन मंत्री डा. शिव डहरिया ने अमृत मिशन के तहत इसके लिए 400 करोड़ मंजूर किए हैं। इसी से शहर में पाईपाइन और खारुन एसटीपी का काम शुरू हो सका है।

क्लोरिन की मात्रा मापदंड में आना महत्वपूर्ण
पानी की जांच में सबसे महत्वपूर्ण क्लोरिन की मात्रा रही है। मिट्‌टी और धातु इत्यादि की मात्रा तो सही फिल्टरेशन से नियंत्रित की जा सकती है लेकिन क्लोरिन की सही मात्रा के साथ पानी आखिरी घर तक पहुंचना जरूरी है। महापौर प्रमोद दुबे का कहना है कि हर दस में से सात किलोमीटर तक पहुंचते-पहुंचते क्लोरिन की मात्रा कम हो जाती है। रायपुर की जांच में क्लोरिन 0.5 से 0.8 पीपीएम के बीच आना महत्वपूर्ण है। 0.5 से 1 पीपीएम इसकी तय मानक है।

रैंकिंग शहर सेंपल पास पैरामीटर
1 मुंबई 10 0
2 हैदराबाद 9 1
3 भुवनेश्वर 9 1
4 रांची 9 4
5 रायपुर 3 3

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