रायपुर

रीडिंग कैम्पेन (पठन वाचन अभियान) ओरिएटेंशन में राज्य के सभी जिला मिशन समन्वयक, सहायक परियोजना अधिकारी, जिला प्रोग्रामर की कार्यशाला वार्षिक योजना अंतर्गत समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना कार्यालय में संपन्न हुई। कार्यशाला में अभियान को सफल बनाने के लिए जिला स्तर पर जिला एवं विकास खण्ड स्तरीय नोडल अधिकारियों का चिन्हाकन कर राज्य को सूचित करने के निर्देश दिए गए। हायर सेकेण्डरी स्तर से शाला संकुल के अंतर्गत आने वाली सभी प्राथमिक शालाओं की जानकारी और उनके निकट के उच्च प्राथमिक शाला से मेंटर का चयन कर उसका विवरण भेजने कहा गया।

पठन अभियान के लिए प्रत्येक प्राथमिक शाला में 5 पढ़ी-लिखी महिलाओं का निर्णायक के रूप में चयन किया जाएगा। युवा क्लब को पठन अभियान के लिए सक्रिय किया जाएगा। चर्चा पत्र में शामिल विभिन्न बिन्दुओं को सभी स्कूलों में क्रियान्वयन किया जाना है। कार्यशाला में निर्देशित किया गया कि सभी शिक्षकों को द टीचर एप में उपलब्ध रीडिंग पर आधारित कोर्स को पूरा करवाना है। जिले के सभी शिक्षकों को टेलीग्राम से जोड़कर एक-दूसरे से सीखने के लिए तैयार करना है। रीडिंग कैम्पेन वाले समूह में सभी शिक्षकों को जोड़ना है। पढ़ना, सिखाने के लिए विभिन्न वीडियों और सहायक सामग्री की जानकारी साझा करने के लिए तैयार वेबसाइट में अपलोड किया जाए। प्रत्येक प्राथमिक शाला के मुस्कान पुस्तकालय में उपलब्ध किताबों को दो स्तर में वर्गीकृत कर प्रत्येक पुस्तक का विवरण वेबसाइट में अपलोड किया जाए।

कार्यशाला में यह भी बताया गया कि जिले में बच्चों को अनेक भाषा सिखने के लिए पी.एल.सी. का गठन किया गया। गूगल बोले एप्प को डाउनलोड कर सभी बच्चों को घर में उपयोग के लिए प्रेरित किया जाए। सभी स्कूलों में शाला अनुदान से प्रिंट रिच वातावरण तैयार किया जाना है। स्कूलों में अखबार के साथ आने वाली बाल पत्रिकाओं को उपलब्ध करवाएं। रीडिंग कार्नर और पाकेट बोर्ड का नियमित उपयोग किया जाए। प्रचार-प्रसार के लिए आस-पास के स्थानों में स्लोगन और नारे लिखवाएं जाएं। बच्चों की भाषा सीखने के लिए उस भाषा के जानकार और अन्य शिक्षकों का आपस में जिले के भीतर या बाहर के समूहों के साथ मिलकर भाषा सीखने के लिए पी.एल.सी. का गठन कर नए सत्र के पहले सभी शिक्षकों को बच्चों की भाषा सीखना है। सी.सी.आर.टी. से प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा पठन अभियान के लिए विविध कार्यक्रम जैसे – कठपुतली प्रदर्शन, सांस्कृतिक कार्यक्रम, गीत, वीडियो बनाकर अन्य कार्यक्रम तैयार कर जागरूकता और प्रचार-प्रसार किया जाए।