- शिवसेना, कांग्रेस और NCP का 154 MLA के समर्थन का दावा
- जस्टिस एनवी रमना, अशोक भूषण व संजीव खन्ना बेंच में सुनवाई
- तीनों दलों ने याचिका में रविवार को फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की
- SC ने सभी को जारी की नोटिस, कल सुबह 10.30 बजे फिर सुनवाई
कल होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र मामले पर आज कोई फैसला नहीं सुनाया. कोर्ट अब इस मामले की कल 10.30 बजे करेगा सुनवाई. कोर्ट ने गवर्नर का आदेश और समर्थन पत्र कल सुबह तक तलब किया.शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को नोटिसा जारी किया है.तुषार मेहता को सोमवार सुबह 10:30 बजे तक फडणवीस और अजित पवार का समर्थन पत्र दिखाने को कहा है. साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार से राज्यपाल के आदेश को भी मांगा है.
कोर्ट का, कोर्ट सदन का करता है सम्मान
मुकुल रोहतगी ने कहा कि कल के लिए प्रोटेम स्पीकर की शपथ, विधायकों को शपथ और फिर राज्यपाल का संक्षिप्त भाषण और फिर टेस्ट हो जाए. सदन कोर्ट का और कोर्ट सदन का सम्मान करता है. यही सत्य है. नहीं तो कहीं विधानसभा कल को पास कर दे कि सुप्रीम कोर्ट दो साल में सारे मामले निपटाए. दो तीन दिनों का वक्त भी दिया जा सकता है. सभी अपने हलफ़नामे कोर्ट के सामने रखें. उन्होंने कोर्ट में कहा कि राज्यपाल को इम्युनिटी है. उन्होंने नियुक्त कर दिया.अब तो फ्लोर टेस्ट ही होगा. इसके बाद जस्टिस रमन्ना कहा कि लेकिन हर चीज़ के लिए लॉ सेट है. नियम तय हैं. तब रोहतगी ने कहा कि अब सवाल है कि कोर्ट क्या करे और क्या कर सकता है.. इस पर जस्टिस भूषण ने कहा कि हमें तो ये भी नहीं पता कि क्या और कैसे किस प्रक्रिया के तहत हुआ? रोहतगी ने कहा कि तभी तो हम कह रहे हैं कि लोगों को इतनी जल्दी मचाकर रविवार को सबको परेशान करने की ज़रूरत क्या थी?
को अधिकार, वो किसे CM चुने-रोहतगीमुकुल
रोहतगी ने कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट से ये अपील कर रहे हैं कि वो यह आदेश पास करे कि राज्यपाल गलत हैं. राज्यपाल का फैसला समीक्षा से परे होता है. रोहतगी ने कहा एक बीजेपी (आशीष) और कुछ निर्दलीयों के लिए आए हैं जो पार्टी नहीं हैं. लेकिन स्टेकहोल्डर हैं. संविधान के अनुच्छेद 360 और 361 में राष्ट्रपति और राज्यपाल के अधिकारों का विस्तार से बखान है. अनुच्छेद 361 के तहत राज्यपाल अपने अधिकार क्षेत्र के तहत किए गए काम के लिए किसी भी कोर्ट के सामने जवाबदेह नहीं है. राज्यपाल को अधिकार है कि वो किसको मुख्यमंत्री के रूप में चुने.
कंपोजिट फ्लोर टेस्ट हो जाए-सिंघवी
शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की तरफ से दलील रख रहे सिंघवी ने कोर्ट से कहा कि कंपोजिट फ्लोर टेस्ट हो जाए. समर्थन पत्र पर 41 विधायकों के दस्तखत हैं लेकिन DCM अपने समर्थन में एनसीपी के 51 विधायकों का दावा करते रहे. कोर्ट आज कल जब सुविधा हो फ्लोर टेस्ट करा सकता है.
अजित का समर्थन पेपर गैरकानूनी-सिंघवी
अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट कहा कि राज्यपाल को बहुमत के लिए दस्तावेज और फिजिकल वेरिफिकेशन से संतुष्ट होना होता है. पूछा- कहां है दस्तावेज? कल 41 विधायक ने अजित पवार को हटा दिया. अजित का समर्थन पेपर गैरकानूनी है. वहीं SG तुषार मेहता ने कहा कि वो गवर्नर की ओर से दस्तावेज़ पेश कर सकते हैं. इस पर सिंघवी ने कहा कि शपथ ग्रहण के साथ साथ या ठीक बाद सदन में प्रस्ताव के समर्थक और खिलाफ सदस्यों को अलग अलग तरफ बिठा सकते हैं या फिर वोटिंग हो जाए. बता दें कि कर्नाटक मामले में गवर्नर की ओर से दिए गए पत्र के सिलसिले में मेहता बोले थे.
कल ही हो फ्लोर टेस्ट-सिंघवी
सिंघवी ने कोर्ट को कुछ सुझाव दिए कि इस तरह समय प्रबंधन किया जा सकता है. सोमवार सुबह प्रोटेम स्पीकरके रूप में सबसे सीनियर विधायक को चुन लिया जाए, 11 बजे से शाम 4 बजे तक विधायकों की शपथ विधि हो जाए. इसके बाद सत्र आहूत कर फ्लोर टेस्ट काया जा सकता है.
सिंघवी ने रखी ये दलीलसुप्रीम कोर्ट में
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मेरे पास झरखण्ड, उत्तराखंड, गोवा, कर्नाटक और अन्य राज्यों में हुई ऐसी ही घटनाओं में वकालत का अनुभव है. सिंघवी ने कहा कि राज्यपाल ने प्रक्रिया पालन की होती तो ये सवाल ही नहीं उठते. CM और DCM के शपथ ग्रहण के पीछे एनसीपी के बीच हुआ मतभेद है.
याचिका पर उठाया सवाल तुषार मेहता ने महाराष्ट्र मामले में सुनवाई पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि पहले हाई कोर्ट क्यों नही गए याचिकाकर्ता.
मैं विधायकों की तरफ से हूं
एसजीकोर्ट ने मुकुल रोहतगी से पूछा कि आप किसकी तरफ से हैं? एसजी रोहतगी ने कहा कि मैं बीजेपी के विधायकों की तरफ से हूं. मैं यहां सॉलिसिटर जनरल के तौर पर हूं. रात 11 बजे मुझे याचिका मिली. मुझे नहीं मालूम राज्यपाल की तरफ से मैं रहूंगा या कोई और! मुझे नहीं पता कि रविवार को सुनवाई क्यों होती है, रविवार को कोई सुनवाई नहीं होनी चाहिए. मेरे अनुसार यह मामला (शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की याचिका) को सूचीबद्ध नहीं किया जाना चाहिए.
कर्नाटक मामले का किया जिक्र
कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक के मामले का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि वहां क्या आदेश दिया गया था. 16 मई 2018 को कर्नाटक के राज्यपाल ने कुछ येदियुरप्पा को कुछ कहा था. हमने उसे चुनौती दी. हमने उसे 17 को चुनौती दी. 18 मई को कोर्ट ने कहा कि 19 मई को फ्लोर टेस्ट किया जाए.
कपिल सिब्बल की दलील
कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दलील दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में जो हो रहा है वैसा हमने पहले कभी नहीं देखा. अगर शाम को घोषणा करते हैं तो हम सरकार बनाएंगे तो राज्यपाल ने कैसे देवेंद्र फडणवीस को सीएम पद की शपथ दिला दी. वह केंद्र के निर्देश पर काम कर रहे थे. उनके लेटर ऑफ स्पोर्ट के ठीक उलट हैं स्थितियां.हम अभी भी बहुमत साबित कर सकते है. हमने जैसे ही सरकार बनाने की बात की गवर्नर ने इशारे पर काम किया. सुबह 5.47 में राष्ट्रपति शासन हटा किया गया, कोई कैबिनेट की मीटिंग नहीं हुई. शपथ क्या आधार था, किसी को कुछ नहीं पता है.
बहुमत को लेकर चिंतित नहीं- अशोक चव्हाण
सभी पक्षों के वकील कोर्ट पहुंचेसॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं. एनसीपी के नेता माजिद मेनन भी कोर्ट पहुंचे हैं. दोनों पक्षों के लोग शीर्ष कोर्ट पहुंचने लगे हैं. महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता पृथ्वीराज चव्हाण, रणदीप सुरजेवाला, अभिषेक मनु सिंघवी अभी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं. अभिषेक मनु सिंघवी से पत्रकारों ने सवाल किया तो वह बिना कोई प्रतिक्रिया दिए मुस्कराते हुए आगे बढ़ गए.
अजित पवार को मनाने की कोशिश
सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि पवार परिवार की कोशिश है कि किसी भी तरह अजित पवार को मनाया जाए और उन्हें फिर एनसीपी खेमे में वापस बुलाया जाए. शरद पवार और सुप्रिया सुले ने अजित पवार के भाई श्रीनिवास से बात की है. अभी शरद पवार के घर पर बैठक चल रही है जिसमें कांग्रेस और एनसीपी नेता मौजूद हैं. अशोक चव्हाण और बालासाहेब थोराट भी बैठक में हैं. एनसीपी इस कोशिश में है कि अजित पवार फडणवीस सरकार में डिप्टी सीएम के पद से इस्तीफा दें.
थोड़ी देर में सुनवाई,